संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से, वक्फ बिल समेत ये 16 विधेयक इस संसद सत्र में लाने की तैयारी में है सरकार
नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर, सोमवार से शुरू हो रहा है. इसी साल हुए आम चुनाव में नई सरकार के गठन के बाद इस पहले शीतकालीन सत्र में सरकार कुछ पेंडिंग विधेयक पारित कराने की तैयारी में है तो वहीं कुछ नए विधेयकों भी कार्यसूची में हैं. शीतकालीन सत्र के लिए जो कार्यसूची सामने आई है, उसमें नए-पुराने कुल 16 विधेयकों के नाम हैं.
इस लिस्ट में सबसे चर्चित विधेयक हैं वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024. यह विधेयक संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ही लोकसभा में पेश किए गए थे. विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक लोकसभा में पेश किया था.
संसद में पेश होते ही इन विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था. जेपीसी की अगुवाई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं. जेपीसी गठन के साथ ही यह तय हो गया था कि वह अपनी रिपोर्ट अगले सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन संसद में पेश करेगी. इस हिसाब से देखें तो जेपीसी अपनी रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश करेगी.
जेपीसी की अगुवाई कर रहे जगदंबिका पाल ने कहा भी है कि हमारी रिपोर्ट तैयार है. हालांकि, विपक्षी दलों के सांसद जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वक्फ संशोधन विधेयक के साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी जेपीसी को भेजा गया था. यह बिल भी जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद चर्चा और पारित कराए जाने के लिए वापस लाया जाएगा.
संसद के शीतकालीन सत्र के लिए कार्यसूची में जो 16 विधेयक शामिल हैं, उनमें पांच नए विधेयक हैं. बाकी 11 बिल ऐसे हैं जो पहले से ही लोकसभा या राज्यसभा में पेंडिंग हैं. इन लंबित विधेयकों के साथ नए विधेयकों की लिस्ट में सहकारिता विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी है. संसद सत्र के दौरान वक्फ बिल और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक के अलावा राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े एक विधेयक समेत कुल पांच नए विधेयक चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने हैं.
शीतकालीन सत्र के दौरान अनुदान की पूरक मांगों के पहले बैच पर भी चर्चा होगी. पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल भी संसद के आगामी सत्र में पेश किए जाएंगे. इन विधेयकों के अलावा आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने से संबंधित विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक पहले से ही पेंडिंग हैं.
साभार आज तक