पुजारी परिवार की महिलाओं ने मंगल गीत गाकर बाबा महाकाल को बांधी वैदिक राखी, लगा लड्डूओं का भोग

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उज्जैन। कालों के काल बाबा महाकाल के दरबार में सभी त्योहार सबसे पहले मनाए जाते हैं, चाहे वह होली हो, दीपावली हो या नववर्ष की शुरुआत। आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल के श्रृंगार के बाद उन्हें भस्म रमाई गई और फिर पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाकर बाबा महाकाल को वैदिक राखी बांधी गई।
श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर आज बाबा महाकाल रात 2:30 बजे भक्तों को दर्शन देने के लिए जागे। एक ओर श्रावण का सोमवार और दूसरी ओर रक्षाबंधन पर्व होने के कारण आज मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बैठक व्यवस्था के साथ ही चलित भस्म आरती के माध्यम से भगवान के दर्शन का लाभ लिया। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर आज विशेष संयोग होने से सबसे पहले बाबा महाकाल का शुद्ध जल और फिर पंचामृत से अभिषेक किया गया। इसके बाद उनका श्रृंगार कर भस्म रमाई गई। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से की गई भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को पंडित आशीष शर्मा के परिवार द्वारा वैदिक राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को मावा मिश्री के लड्डुओं का भोग भी लगाया गया।
श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर सुबह भस्म आरती के दौरान मंगल गीत गाते हुए बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल के लिए सात दिनों से वैदिक राखी का निर्माण कर रही थीं, जिसमें तुलसी के पत्ते, लौंग, इलायची, काली मिर्च के साथ ही अन्य औषधियां मिलाकर यह राखी बनाई गई थी। पुजारी आशीष शर्मा ने बताया कि पुजारी परिवार की महिला सदस्य मंजुला शर्मा, जया शर्मा, प्रीति शर्मा, कविता शर्मा, पल्लवी शर्मा, मनीषा शर्मा, सीमा शर्मा, ज्योति शर्मा और इशिका शर्मा ने यह राखी तैयार की। राखी बांधने के समय सभी ने मन में यही कामना की कि बाबा महाकाल इस राष्ट्र का कल्याण करें और यहां कोई विपदा न आए।
बाबा महाकाल के दरबार में रक्षाबंधन पर भगवान के विशेष पूजन अर्चन के साथ ही उन्हें सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की भी परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसी कारण आज भस्म आरती के पश्चात भगवान को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी पंडित घनश्याम गुरु ने भगवान को यह भोग अर्पित किया, जिसके बाद श्रद्धालुओं को यह प्रसादी वितरित की गई।
श्रावण का अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन पर्व पर आज बाबा महाकाल के दरबार में हजारों श्रद्धालु भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। मंदिर में चलित दर्शन व्यवस्था होने के कारण हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ लिया और यह भी देखा कि भगवान महाकाल को किस प्रकार से राखी बांधी जाती है।
साभार अमर उजाला

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