दार्जिलिंग में बारिश-भूस्खलन से अबतक 23 मौतें, मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी आज करेंगी दौरा
दार्जिलिंग। उत्तर बंगाल और सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में पुल टूटने, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता हैं। प्रशासन ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। इस मूसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और सिक्किम में हुआ है। बारिश के चलते मिरिक और सुकिया इलाके में कई जगह भूस्खलन हुआ है। दार्जिलिंग जिले के मिरिक में लैंडस्लाइड से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। सड़कों पर कई जगह मलबा जम गया है और यातायात पूरी तरह बाधित है। सिक्किम से संपर्क टूट गया है।
जिले के कस्बों और पर्यटन स्थलों मिरिक और कुर्सेओंग को जोड़ने वाला दुदिया आयरन ब्रिज भी भरभराकर ढह गया है। भारी बारिश की वजह से फिलहाल सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग स्टेट हाईवे-12 पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों ने राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार बारिश और फिसलन भरी सड़कों के कारण राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है। प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी रास्तों और नदी किनारों से दूर रहने की अपील की है।
भयावह बाढ़ को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को सरकार हर संभव मदद देगी। सीएम ने कहा कि पिछले 12 घंटों से हो रही लगातार तेज बारिश ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। इस भारी बारिश की वजह से कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग अभी भी लापता हैं। वे सोमवार को उत्तर बंगाल दौरे पर आएंगी। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ने दार्जिलिंग आपदा पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी रोड पर हुआ, जो पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर बंगाल को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। पुल ढहने का कारण बेहद तीव्र बारिश और पहाड़ी ढलानों में मिट्टी खिसकना बताया जा रहा है। कुछ हिस्से में सड़क धंसने और मिट्टी के मलबे ने मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है।
साभार अमर उजाला

