खुशहाल परिवार के निर्माण के लिए संस्कारित बचपन आवश्यक - श्रीमाताजी निर्मला देवी

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इंदौर, रणजीत टाइम्स
श्रीमाताजी निर्मला देवी ने परिवार और समाज को मजबूत बनाने के लिए संस्कारित बचपन की अनिवार्यता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि बच्चों के विकास के लिए एक सकारात्मक और सुसंस्कृत वातावरण तैयार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि घर का माहौल ऐसा होना चाहिए, जहां धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों को प्राथमिकता दी जाए। नियमित पूजा-अर्चना और आरती से बच्चों के मन में परमार्थ और नैतिकता की भावना विकसित होती है।
मुख्य बिंदु:
1. संस्कारों का महत्व:
बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए परिवार का अनुशासन और प्यार भरा वातावरण बेहद जरूरी है।

2. धार्मिक परंपराएं:
श्रीमाताजी के अनुसार, घर में धार्मिक परंपराओं का पालन करने से बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलता है।

3. परमार्थ और शिक्षा:
बच्चों को प्रकृति और परमार्थ से जोड़ने से उनमें सह-अस्तित्व और दया का भाव पैदा होता है।

4. सद्भावपूर्ण परिवार:
एक सुसंस्कृत वातावरण न केवल बच्चों के भविष्य को संवारता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति का माहौल भी बनाता है।

श्रीमाताजी का संदेश:
“अपने बच्चों के जीवन को नैतिकता, अनुशासन और परमार्थ की शिक्षा देकर उन्हें एक बेहतर नागरिक बनाएं। संस्कारित बचपन ही खुशहाल समाज की नींव है।”

अधिक जानकारी के लिए:
टोल-फ्री नंबर: 1800-270-0800
वेबसाइट: www.sahajayoga.org.in
रणजीत टाइम्स के लिए,
आपका गोपाल गावंडे

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