AIRPORT FLIGHTS ISSUE, जबलपुर एयरपोर्ट से कम उड़ानों के मामले में हाईकोर्ट सख्त, विमानन कंपनियों पर कड़ी टिप्पणी
प्रवेश सिंह
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर से अन्य बड़े शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी संबंधी मामले को गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने मंगलवार को दो विमानन कंपनियां स्पाईस जेट व आकासा एयरलाइंस का जवाब न आने पर सख्त टिप्पणी की है. युगलपीठ ने दोनों विमानन कंपनियों को जवाब के लिए आखिरी मोहलत देते हुए कहा कि अगली सुनवाई पर जवाब न आने पर उनपर भारी जुर्माना लगाना शुरू किया जाएगा.
एयरलाइंस कंपनियां जुर्माने के लिए रहें तैयार
कोर्ट ने एयरलाइंस कंपनियों को दो टूक कहा है कि अगर अगली सुनवाई तक जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी को लेकर उनका जवाब नहीं आया तो सभी पर बीस-बीस हजार रु का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही न्यायालय ने इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइंस को पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए नोटिस जारी किए हैं. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को निर्धारित की है.
क्या है जबलपुर से फ्लाइट्स का मामला?
दरअसल, ये जनहित का मामला नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर किया गया था. इसमें कहा गया है कि जबलपुर में अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं. पूर्व में जबलपुर से मुम्बई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरू आदि शहरों के लिए फ्लाइटें संचालित होती थीं और जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश के इंदौर व भोपाल के सामान थी. लेकिन लगातार फ्लाइटें बंद होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
15 से 5 हुईं जबलपुर से फ्लाइटें
याचिका में कहा गया कि पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं. वहीं अब इनकी संख्या घटकर 5 हो गयी है, जिससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है. इस मामले में इंडिगों विमान कंपनी ने अपना जवाब पेश कर दिया था. जबकि अनावेदक स्पाईस जेट व आकासा एयरलाइंस का जवाब प्रतीक्षित था. मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने विमानन कंपनियों को जवाब पेश करने का आखिरी मौका दिया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा.