मां अंबिका पाटीदार समाज परिसर में बिराजी नगर की सभी गणगौर प्रतिमाएं

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ब्यूरो चीफ अनिल चौधरी
इंदौर ।  ग्राम गवली पलासिया में तीन दिवसीय गणगौर महोत्सव का प्रारंभ अंबिका कोल्ड स्टोरेज से निकले चल समारोह के साथ हुआ गांव में गणगौर उत्सव का यह 37 वां वर्ष है । बैंड बाजे के साथ जैसे-जैसे गणगौर का जुलूस आगे बढ़ता गया हर गली मोहल्ले से ईसर जी और गणगौर प्रतिमाएं लिए महिलाएं जुलूस में सम्मिलित होती गई नगर भ्रमण के पश्चात गणगौर का जुलूस कन्या शाला परिसर के समीप पहुंचा ।
जहां इस वर्ष के गणगौर महोत्सव के आयोजन के विशेष सहयोगी रवि अनोखी लाल पाटीदार, राजेश रामचंद्र पटेल, सदाशिव शालिग्राम जी, शंकर लाल डूंगा पाटीदार परिवार के सभी कुटुंब परिवार जनों ने सभी गणगौर माता की पूजा अर्चना की ओर सभी गणगौर प्रतिमाओं के एक दिन के विश्राम के लिए मां अंबिका पाटीदार समाज परिसर में पहुंचे जहां गणगौर उत्सव में सम्मिलित सभी  श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था उक्त परिवारों द्वारा रखी गई । चूंकि महिलाएं नंगे पैर चलती है इसलिए पूरे रास्ते भर युवाओं द्वारा कारपेट बिछाया जाता है । यूं तो गणगौर उत्सव में चैत्र शुक्ल की तीज के दिन गणगौर माता की पूजा अर्चना के बाद जवारे विसर्जित कर दिए जाते हैं लेकिन गवली पलासिया में 37 वर्ष पूर्व ग्राम की पूर्व सरपंच श्रीमती सुमन पाटीदार,लीलाबाई  मास्टरनी भाई, ताराबाई पटेल,भूरी बाई पटेल,सागर बाई पाटीदार ने गांव की महिलाओं के साथ निमाड़ के प्रमुख उत्सव गणगौर की परंपरा गवली पलासिया में प्रारंभ की थी गवली पलासिया की विशेष परंपरा के अंतर्गत गांव की सभी गणगौर प्रतिमाओं को हर वर्ष अलग-अलग परिवारों द्वारा अपने निवास पर एक एक दिन के लिए विराजित किया जाता है तथा तीसरे दिन विशाल चल समारोह  के बाद जवारे विसर्जित किए जाते हैं भजन पूजन और गणगौर उत्सव में शामिल सभी लोगों के लिए भोजन प्रसादी की व्यवस्था इन्हीं परिवारों द्वारा की जाती है गणगौर उत्सव में सारा गांव सम्मिलित होता है।

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