मध्यप्रदेश में मंदिरों के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप, पुजारी संगठन ने दायर की रिट याचिका

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इंदौर। मध्यप्रदेश में मंदिरों के प्रशासन और संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर मठ-मंदिर पुजारी संगठन ने शासन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा मंदिरों और उनकी संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेने से धार्मिक संप्रदायों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

इस संबंध में संगठन ने माननीय उच्च न्यायालय, इंदौर में एक रिट याचिका दायर की है। याचिका में मध्यप्रदेश शासन के धर्मस्व विभाग, राजस्व विभाग, आयुक्त इंदौर और कलेक्टर इंदौर को नोटिस जारी करने की मांग की गई है।

मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप

मठ-मंदिर पुजारी संगठन के अध्यक्ष ऋषभ बैरागी ने बताया कि शासन के अधिकारी मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे हैं और मंदिर संपत्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धार्मिक संपत्तियों का अधिग्रहण कर रही है, जिससे मंदिरों का पारंपरिक और धार्मिक प्रशासन प्रभावित हो रहा है।

उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार

संगठन ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत धार्मिक संप्रदायों को प्राप्त मौलिक अधिकारों को लागू किया जाए। इसके साथ ही, मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करने और अतिक्रमण की गई भूमि को वापस दिलाने की भी मांग की गई है।

यह मामला प्रदेश में मंदिर प्रशासन और धार्मिक संपत्तियों के नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ सकता है। अब देखना होगा कि उच्च न्यायालय इस पर क्या रुख अपनाता है।

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