जम्मू-कश्मीर को लेकर चल रही चर्चा के बीच बोला SC, पहलगाम को नजरअंदाज नहीं कर सकते

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से आठ सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही इस दौरान पहलगाम में अप्रैल महीने में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया गया। अदालत ने कहा कि पाहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा, “आप पाहलगाम में जो हुआ उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।”
यह टिप्पणी तब आई जब केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर की स्थिति को देखते हुए यह मुद्दा अभी नहीं उठाया जाना चाहिए।
तुषार मेहता ने कहा, “हमने आश्वासन दिया है कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल होगा। इस क्षेत्र की स्थिति विशेष है। मैं निर्देश लूंगा, लेकिन 8 हफ्ते का समय दिया जाए।”
वरिष्ठ अधिवक्ता शंकरनारायणन ने कहा कि दिसंबर 2023 में अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के आश्वासन पर भरोसा करते हुए राज्य के दर्जे के मुद्दे पर फैसला नहीं दिया था। उन्होंने कहा, “उस फैसले को आए 21 महीने हो चुके हैं, लेकिन राज्य का दर्जा अब तक बहाल नहीं हुआ।”
साभार लाइव हिन्दुस्तान

 

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