अमित शाह की दो-टूक... CAA कभी वापस नहीं होगा, मुस्लिमों के खिलाफ नहीं...

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) पर विपक्षी दलों के इसके मुसलमानों के खिलाफ बताने पर पलटवार किया है। शाह ने कहा कि ये कानून वैसे लोगों के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक थे और उनपर अत्याचार हुआ है। उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उनकी महिलाओं का अपमान किया जाता है। गृह मंत्री ने कहा कि खुद कांग्रेस ने नेताओं ने आजादी के वक्त सैकड़ों भाषणों में कहते थे कि अभी मार-काट चल रही है, अभी जो जहां है वहां रह जाइए बाद में जब कभी भारत में आएंगे आपका स्वागत होगा। शाह ने कहा कि लेकिन बाद में तुष्टीकरण की राजनीति शुरू हो गई।
शाह ने कहा कि क्या शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए या नहीं? उन्होंने कहा कि आप इस कानून को अलग तरीके से नहीं देख सकते हैं। 15 अगस्त 1947 को देश का बंटवारा हो गया। देश तीन हिस्सों में बंट गया। लेकिन भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हमेशा विभाजन का विरोध किया। इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर होना ही नहीं चाहिए था। जब धर्म के आधार पर आप विभाजन करते हो और वहां जो अल्पसंख्यक हैं, उनलोगों पर ढेर सारे अत्याचार होते हैं, उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है, उनकी महिलाओं को अपमानित किया जाता है। वो मां, बहन, बेटी के लिए शरण में भारत में आते हैं तो क्या उनको नागरिकता का अधिकार है या नहीं?
शाह ने ANI के साथ इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस के नेताओं के सैकड़ों भाषण के बाद भी कभी इन तीन देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता नहीं दी गई। क्योंकि बाद में चुनावी राजनीति चालू हो गई। वोट बैंक की राजनीति चालू हो गई। तुष्टीकरण के कारण कांग्रेस पार्टी ने वो वादा कभी पूरा नहीं किया जो आज पीएम नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं।
साभार नवभारत टाइम्स

 

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