3 दिन में क्षमा मांगों, वरना 84 कोस में घुसने नहीं देंगे, ब्रज के संत-सेवायतों ने पं. प्रदीप मिश्रा को दिया अल्टीमेटम

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मथुरा/उज्जैन. कथावाचक प्रदीप मिश्रा की ओर से राधारानी के बारे में टिप्पणी किए जाने का मामला तूल पकड़ गया है. बरसाना में ब्रज के मंदिरों के सेवायतों और साधु-संतों की एक महापंचायत का आयोजन किया गया. श्री धाम बरसाना के रसमंडप में हुई इस महापंचायत में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. इसमें साधु संत, गोस्वामियों और धार्मिक संगठनों ने एक सुर में कहा कि अगर प्रदीप मिश्रा 3 दिन के भीतर क्षमा नहीं मांगेंगे तो उन्हें ब्रज क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा. उधर, उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास ने प्रदीप मिश्रा से नाक रगड़कर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है. ऐसा न करने पर मिश्रा के उज्जैन में घुसने पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. 
महापंचायत की अध्यक्षता करने वाले संत रमेश बाबा बोले, ''प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि राधानी भगवान श्रीकृष्ण की धर्मपत्नी नहीं थीं. उनका विवाह छाता निवासी अनय घोष संग  हुआ था. बरसाना राधारानी का गांव नहीं है. दरअसल, उनके पिता बृषभानु वर्ष में एक बार बरसाना में कचहरी लगाने आते थे, इसलिए बरसाना नाम पड़ा.''  इस टिप्पणी को लेकर ही प्रदीप मिश्रा के खिलाफ ब्रज में उबाल है. इससे पहले प्रेमानंद महाराज ने भी प्रदीप मिश्रा का विरोध किया था. 
बरसाना में हुई महापंचायत में निर्णय किया है कि अगर कथावाचक प्रदीप मिश्रा अपनी टिप्पणी को लेकर माफी नहीं मांगते हैं तो उनका हर स्तर पर विरोध किया जाए. उनके कथा के कार्यक्रमों हों, वहां उनके विरोध के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर भी उनका विरोध किया जाए. 
साभार आज तक

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