42 साल बाद आचार्य का आगमन, श्वेताम्बर जैन समाज में हर्ष

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ब्यूरो चीफ अनिल चौधरी
इंदौर। इंदौर के साऊथ तुकोगंज स्थित कंचनबाग में रविवार को आचार्य मृदुरत्न सागर सूरीश्व मंगल प्रवेश जुलूस निकला। जुलूस में महिलाओं ने भी अपने सिर पर कलश धारण कर आचार्य की अगवानी की। 42 साल बाद इंदौर में आयोजित हो रहे चातुर्मास से श्वेताम्बर जैन समाज में उल्लास छाया हुआ है।
इस अवसर पर आचार्य मृदुरत्न सागर सूरीश्वर  में व्यक्त किए कि वैसे दुनिया में लगभग चार सौ धर्म है। सनातन और जैन धर्म की परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। चातुर्मास केवल चार महीनों की अवधि नहीं होती, बल्कि यह जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। चातुर्मास हमें भगवान के पास ले जाने का अवसर देता है। इस समय ईश्वर का गुणगान और ध्यान करने से जीवन में नई उर्जा का संचार होता है। श्री नीलवर्णा पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट और चातुर्मास समिति अध्यक्ष अशोक बाफना और विजय मेहता ने बताया, आचार्य के साथ मुनिराज मोक्ष रत्न सागर व मुनिराज पवित्ररत्न सागर सूरीश्वर का सान्निध्य भी भक्तों को प्राप्त हुआ। जुलूस में सभी समाजजनों ने 'गुरुवर हमारे आए है नई रोशनी लाएं है' सहित जिन शासन के जयकारे भी लगाए। कैलाश चंद-राजवन्ता, संदीप समता, रूपेश-प्रीति, अविश-रिशीता, डॉ. आयुष, आदिश, रित, अविर जैन व व्होरा परिवार का बहुमान किया गया। आभार रूपेश शाह ने माना।  संचालन अनिल रांका ने किया।

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