बाबा महाकाल शिवलिंग का हुआ कितना क्षरण? जांच करने पहुंची जीएसआई टीम

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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में विराजमान बाबा महाकाल के शिवलिंग के क्षरण को लेकर सात वर्ष पूर्व लगाई गई याचिका के बाद समय-समय पर जीएसआई और एएसआई की टीम श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है और यह पता करती है कि बाबा महाकाल को अर्पित की जाने वाली पूजन सामग्री पूरी तरह शुद्ध है या नहीं....? इस सामग्री के कारण कहीं बाबा महाकाल के शिवलिंग को कोई क्षरण तो नहीं हो रहा है। 
इसी जांच के लिए मंगलवार को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई की टीम महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। टीम के सदस्यों ने बाबा महाकाल को अर्पित की जाने वाली भस्म, भांग, आरओ के जल के साथ ही गर्भग्रह से निकलने वाले जल का भी सैंपल लिया, जिसकी लेबोरेटरी में टेस्टिंग की जाएगी और उसके बाद यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। 
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह जीएसआई की टीम के सदस्यों को जांच करते हुए देख श्रद्धालु आश्चर्यचकित थे। उन्हें ये नहीं समझ आ रहा था कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में आखिर किस प्रकार की जांच की जा रही है। टीम के सदस्य कभी पूजन सामग्री के सैंपल ले रहे थे तो कभी भस्म और बाबा महाकाल को अर्पित किए जाने वाले जल के। खैर कुछ देर के बाद लोगों को पता चला कि ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं। जो समय-समय पर जांच के लिए महाकाल मंदिर आते हैं।
जीएसआई टीम के डायरेक्टर आरएस शर्मा ने बताया कि सात सदस्यों की टीम वर्तमान में महाकालेश्वर मंदिर में  शिवलिंग के क्षरण की मौजूदा स्थिति, विभिन्न द्रव्यों से पड़ने वाले प्रभाव आदि बिंदुओं की जांच कर रही है। हमने बाबा महाकाल को अर्पित किए जाने वाले जल के साथ ही अभिषेक में शामिल सामग्री, भगवान को अर्पित की जाने वाली भस्म के साथ ही अन्य पूजन सामग्री का भी सैंपल लिया है, जिसकी जांच करवाई जाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर में जांच को लेकर जब श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य समय-समय पर जांच के लिए महाकाल मंदिर आते हैं। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद हमें जो भी निर्देश दिए जाते हैं, हम उसका सदैव पालन करते हैं। 
साभार अमर उजाला 

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