मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार, जाने सबसे बड़ी जीत और सबसे छोटी जीत
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना ली है। भाजपा को 163 सीटें मिली हैं तो कांग्रेस को 66 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। हम आपको बता रहे हैं कि प्रदेश की पांच सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत किसके हिस्से आई हैं।
सबसे बड़ी जीत- प्रदेश में सबसे बड़ी जीत रमेश मेंदोला की रही। मेंदोला इंदौर की विधानसभा नंबर 2 से मैदान में थे। उन्होंने कांग्रेस के चिंटू चौकसे को एक लाख सात हजार सैंतालीस मतों से हराया है। दूसरी सबसे बड़ी जीत भाजपा की कृष्णा गौर की रही। कृष्णा भोपाल की गोविंदपुरा से मैदान में थीं, उन्होंने कांग्रेस के रवींद्र साहू को एक लाख छह हजार छ सौ अड़सठ मतों से हराया। तीसरी बड़ी जीत सीएम शिवराज सिंह चौहान की रही। शिवराज ने सीहोर जिले की बुधनी से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के विक्रम मस्ताल को एक लाख चार हजार नौ सौ चौहत्तर वोटों से हराया। चौथी बड़ी जीत भी भाजप की ही रही। भोपाल की हुजूर विधानसभा से मैदान में रहे रामेश्वर शर्मा 97910 मतों से जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के नरेश ज्ञानचंदानी को हराया है। पांचवी बड़ी जीत नौंवी बार विधायक बने गोपाल भार्गव की रही। उन्होंने सागर जिले की रहली से चुनाव लड़ा और कांग्रेस की ज्योति पटेल को 72800 वोटों से हराया।
सबसे छोटी जीत- जहां कुछ प्रत्याशी लाखों वोटों से जीते तो कुछ ऐसे रहे जो चंद वोटों से जीते या यूं कहें नजदीकी मुकाबले में विधायक चुने गए। प्रदेश की सबसे छोटी जीत भाजपा के शाजापुर प्रत्याशी अरुण भीमावत की रही। उन्होंने कांग्रेस के हुकुमसिंह कराड़ा को 28 वोटों से हराया। दूसरी नजदीकी जीत भी भाजपा की रही। वारासिवनी से भाजपा के प्रदीप जायसवाल ने कांग्रेस के विवेक पटेल को 46 मतों से हराया है। उन्होंने रीकाउंटिंग में जीत हासिल की है। प्रदेश की तीसरी सबसे कम अंतर वाली जीत कांग्रेस के दिनेश जैन बॉस की रही।
उन्होंने महिदपुर से चुनाव लड़ा और भाजपा के बहादुर सिंह चौहान को 290 मतों से हराया। चौथी सबसे छोटी जीत धरमपुरी के कालूसिंह ठाकुर की रही। उन्होंने कांग्रेस के पांचीलाल मेड़ा को 356 वोटों से हराया। पांचवीं सबसे कम अंतर वाली जीत बैहर के संजय उइके की रही। संजय ने भाजपा के भगत सिंह नेताम को 551 वोटों से हराया।
साभार अमर उजाला