मुख्यमंत्री का इंदौर दौरा: "डकैत हो या डकैत का बाप, निपटना हमें आता है!" ????

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राजेश धाकड़
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का अचानक इंदौर दौरा सोमवार को चर्चाओं का विषय बन गया। उनके आगमन के साथ ही शहर की सरकारी मशीनरी अलर्ट मोड में आ गई, वहीं बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी कलेक्टोरेट परिसर में सक्रिय नजर आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए और कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला।
वचन पर अडिग मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की लाड़ली बहना योजना का विस्तार करते हुए कहा,
"हमने जो वादा किया था, वो निभाएंगे। इसी साल से बहनों के खातों में ₹1500 ट्रांसफर होंगे।
2026-27 में यह राशि और बढ़ेगी, और 2028 तक हम इसे ₹3000 तक पहुंचाएंगे।"
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा,
"यह कोई चोरी नहीं है, यह हमारी वचनबद्धता है। कांग्रेस सिर्फ झूठे वादे करती है, हम काम करके दिखाते हैं।"
अनवर डकैत पर सीएम का तीखा प्रहार
प्रेस वार्ता का सबसे चर्चित हिस्सा तब आया, जब एक पत्रकार ने इंदौर के कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ अनवर डकैत के मामले का ज़िक्र किया। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट और सख्त शब्दों में कहा –
"डकैत हो या डकैत का बाप... हम सबसे निपटना जानते हैं...!"
मुख्यमंत्री ने कहा कि लव जिहाद या किसी भी आपराधिक गतिविधि पर सरकार की नीति स्पष्ट है। उन्होंने पुलिस को पूरी छूट देने की बात दोहराई और साफ संकेत दिया कि अब कार्रवाई तय है।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
मुख्यमंत्री की "हरी झंडी" मिलने के बाद अब सभी की निगाहें इंदौर पुलिस पर टिकी हैं। अनवर कादरी का नाम लव जिहाद जैसे गंभीर मामलों में उछल चुका है, लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कड़ा कदम उठाता है।
सीएम का यह दौरा चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें कानून व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखा गया है।

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