सीएम बोले- मकान, फसल, पशु-जन हानि का मुआवजा देंगे: सीएम ने बाढ़ पीड़ितों को 4.30 लाख दिए; सिंधिया बोले- सुख-दुख में हम साथ हैं
शिवपुरी से ऋषि गोस्वामी की रिपोर्ट
शिवपुरी जिले के ग्राम पचावली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित स्थानीय नागरिकों को मकान क्षति तथा खाद्यान्न के लिए सहायता राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने ग्राम पचावली में ग्रामवासियों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं।
इस दौरान उनके साथ केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवपुरी विधायक श्री देवेंद्र जैन, कोलारस विधायक श्री महेन्द्र सिंह यादव, पूर्व विधायक श्री प्रहलाद भारती तथा भाजपा जिलाध्यक्ष श्री जसवंत जाटव, कलेक्टर श्री रवींद्र कुमार चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री अमन सिंह राठौड़, जिला पंचायत सीईओ श्री हिमांशु जैन भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनहानि, पशुहानि अथवा फसल क्षति जैसी हर स्थिति में सरकार पीड़ितों के साथ है और प्रत्येक परिवार को राहत राशि सीधे उनके खाते में प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे विधानसभा सत्र के दौरान बाढ़ प्रभावितों के हालचाल जानने के लिए आपके ग्राम में आए है। सरकार हर हाल में जनता के साथ खड़ी है।
सीएम ने बाढ़ से परेशान लोगों को 4,30,000 रुपए की सहायता राशि वितरित की। मुख्यमंत्री बोले- जान है तो जहान है
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जान है तो जहान है और सरकार का पहला कर्तव्य हर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ऐसी अभूतपूर्व वर्षा पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने कहा कि ये परिस्थितियां हमारे लिए परीक्षा की घड़ी हैं, जनता के सहयोग और प्रशासन के समर्पण से स्थिति पर नियंत्रण पाया गया है।
उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि एवं बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य निरंतर जारी रहेंगे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है। शासन प्रशासन पूरी मुस्तेदी के साथ राहत कार्यों में लगा हुआ है, उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि चिंता न करें, दुख की इस घड़ी में हम सभी आपके साथ है। सिंधिया बोले- सुख-दुख में हम साथ हैं
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम सुख-दुख के हर क्षण में आपके साथ खड़े हैं और इस संकट की घड़ी में सरकार द्वारा हर संभव सहायता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार औसत वर्षा से कहीं अधिक वर्षा हुई है, जिसके कारण सिंध नदी में उफान आया और पचावली सहित 32 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए।
सिंधिया ने जानकारी दी कि ग्वालियर से दो हेलीकॉप्टर राहत कार्य के लिए भेजे गए थे, परंतु मौसम प्रतिकूल होने के कारण वे प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाए। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राहत दलों के संयुक्त प्रयास से बड़ी संख्या में नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। सिंधिया ने बताया कि इस आपदा में लगभग 400 लोगों की जान बचाई गई तथा 18 व्यक्तियों को तत्काल आर्थिक सहायता दी गई। मक्का एवं सोयाबीन की फसल को व्यापक क्षति हुई है, जिसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा प्रदान किया जाए।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं का आशीर्वाद लिया और कहा कि आपके आशीर्वाद से हम सबसे बड़ी आपदा को भी पार कर लेंगे। श्री सिंधिया ने भैयालाल जी के बचाव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रशासन की तत्परता और सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है। सीएम 4,30,000 की राशि बाढ़ पीड़ितों को दी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाढ़ पीड़ित परिवारों की क्षति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और मौके पर ही मकान क्षति एवं आवश्यक खाद्यान्न सामग्री हेतु सहायता राशि के स्वीकृत पत्र हितग्राहियों को सौंपे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा की हर घड़ी में अपने नागरिकों के साथ है, और राहत कार्यों को समयबद्धता और पारदर्शिता से पूर्ण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीणों को सहायता राशि के स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। जिनमें पतीराम जाटव को ₹70,000, चंपाल जाटव को ₹40,000, सविता जाटव को ₹40,000, भगचंद जाटव को ₹40,000, राजकुमारी जाटव को ₹40,000, संपत बाई केवट को ₹40,000, खुशलाल जाटव को ₹40,000, खेमचंद्र जाटव को ₹40,000, काला बाई जाटव को ₹40,000 तथा सीमा जाटव को ₹40,000 शामिल है।
उपरोक्त अनुसार कुल ₹4,30,000 की राशि हितग्राहियों के खातों में अंतरित की गई है।