दिवाली से पहले बढ़ते प्रदूषण से आम लोगों की बढ़ी चिंता, दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी गंभीर श्रेणी में

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दिवाली से पहले दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने सरकार के साथ साथ आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते बच्चों से लेकर बड़ों तक सांस लेने में परेशानी हो रही है। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज भी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार सुबह पंजाबी बाग का AQI 460, आनंद विहार का 452, ओखला में 426, आईटीओ में 413 और आरके पुरम का 433 दर्ज किया गया है।    
दिल्ली में मंगलवार को सुबह प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आयी और लगातार पांच दिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने के बाद ‘‘बहुत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गयी है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 दर्ज किया गया है जबकि सोमवार शाम चार बजे एक्यूआई 421 दर्ज किया गया। पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी हानिकारक वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी। गाजियाबाद में एक्यूआई 338, गुरुग्राम में 364, नोएडा में 348, ग्रेटर नोएडा में 439 और फरीदाबाद में 382 दर्ज किया गया। दिल्ली सरकार ने दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता के और बिगड़ने की आशंका के कारण चार साल बाद सम-विषम कार योजना लागू करने की सोमवार को घोषणा की।
दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच उच्चतम न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को फसल अवशेष जलाने पर ‘तत्काल रोक' सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल-दर-साल इस स्थिति से नहीं जूझ सकती। पीठ ने पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ''हर बार राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती।'' अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में न जलाया जाए। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए, पीठ ने फसल अवशेष जलाने, वाहन प्रदूषण और खुले में कचरा जलाने जैसे मुद्दों को उठाया । 
साभार पंजाब केसरी

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