'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर कांग्रेस-सपा ने किया विरोध का ऐलान
नई दिल्ली. वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा विधेयक आज लोकसभा में पेश किया जाएगा. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक को सदन में पेश करेंगे. इस विधेयक को 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' नाम दिया गया है. इस विधेयक को लेकर अब तमाम राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है.
NDA का हिस्सा नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इस विधेयक को समर्थन दिया है. वहीं, YSR कांग्रेस ने भी वन नेशन वन इलेक्शन को सपोर्ट दिया है. मायावती ने भी सांसदों से इस विधेयक को समर्थन देने की बात कही है. लेकिन कांग्रेस और सपा इस बिल को लेकर खुले विरोध में हैं. वहीं, टीएमसी, आरजेडी, पीडीपी समेत कई दल भी इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं.
कांग्रेस ने इस बिल को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि ये बिल संविधान बदलने का बिगुल है. जयराम रमेश ने इस विधेयक को असंवैधानिक करार दिया है. कांग्रेस ने CPP (कांग्रेस संसदीय दल) कार्यालय में वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा के लिए आज सुबह 10.30 बजे एक जरूरी बैठक बुलाई थी. सभी कांग्रेस लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है, जिसमें आज की महत्वपूर्ण कार्यवाही के लिए सदन में उपस्थिति अनिवार्य की गई है.
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करेंगे और ये बिल संविधान के खिलाफ है. वहीं, अखिलेश यादव ने भी एक लंबे पोस्ट के जरिए इस बिल पर निशाना साधा है.
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ये बिल संविधान के खिलाफ है . ये संविधान पर हमला है . चुनाव की प्रक्रिया के साथ छेड़खानी है . बीजेपी सत्ता को हथियाना चाहती है. हम इस बिल का विरोध करेंगे.
वहीं, इसके अलावा तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, ममता बनर्जी, जेएमएम समेत कई अन्य दलों ने भी इस बिल का खुला विरोध किया है.
बीजेपी, जेडीयू, टीडीपी और YSRCP समेत मायावती ने इस बिल को समर्थन देने का ऐलान किया है. YSRCP नेता मिथुन रेड्डी ने कहा कि हम पहले से ही आम चुनावों के साथ-साथ राज्य चुनाव भी करा रहे हैं. हमें इस बिल से ज्यादा दिक्कत नहीं है. हम इसके समर्थन में हैं.
बता दें कि लोकसभा के एजेंडे में कहा गया है कि संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया जाएगा. ये विधेयक 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के नाम से चर्चित है. इसके पेश होने के बाद मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे.