भारत में फिर पैर फैलाने लगा कोरोना...

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नई दिल्ली. हांगकांग और सिंगापुर सहित एशिया के कुछ हिस्सों में संक्रमण के फिर से बढ़ने के बीच स्वास्थ्य अधिकारी कई राज्यों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं क्योंकि सिंगापुर-हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है. जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु में कोविड-19 के 12 नए मामले सामने आए हैं, जबकि पुडुचेरी में 12 नए मामले सामने आए हैं. पहले इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाले बुखार को अब कोविड-19 से जोड़कर देखा जा रहा है. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के अनुसार, कर्नाटक में कोविड-19 के 16 सक्रिय मामले सामने आए हैं. गुजरात में अहमदाबाद में एक ही दिन में सात नए मामले सामने आए हैं.
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई 2023 में महामारी के खत्म होने की घोषणा की थी लेकिन कोविड-19 वैश्विक स्तर पर अभी भी फैल रहा है. भारत में अधिकांश मामले हल्के हैं और सिर्फ कोरोना से मौत या आईसीयू में भर्ती होने का नए मामलों से संबंध नहीं है. 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. लेकिन फिर भी लोगों के मन में कई सवाल हैं कि भारत में कोरोना को लेकर क्या जोखिम हो सकता है और यह कितना खतरनाक है. तो आइए भारत में कोरोना के जोखिम को लेकर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, यह भी जान लेते हैं.
राज्य स्वास्थ्य विभाग (महाराष्ट्र) का कहना है कि मुंबई में इस साल जनवरी से अब तक कोविड-19 से संबंधित दो मौतें हुई हैं. इन लोगों को एक ही समय में दो या उससे अधिक बीमारियां थीं. मृतकों में से एक को हाइपोकैल्सीमिया दौरे के साथ नेफ्रोटिक सिंड्रोम था, जबकि दूसरा कैंसर का मरीज था. अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये मौतें कोविड-19 के कारण नहीं, बल्कि हाइपोकैल्सीमिक दौरे के साथ नेफ्रोटिक सिंड्रोम और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के कारण हुई हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
कोरोना वायरस के लिए जनवरी से अब तक कुल 6,066 स्वाब नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 106 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. इनमें से 101 मुंबई से और बाकी पुणे, ठाणे और कोल्हापुर से थे. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वर्तमान में 52 मरीजों को हल्के लक्षण हैं जबकि 16 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कहा है कि मई में पिछले महीनों की तुलना में अधिक कोविड मरीज सामने आए हैं, लेकिन यह बीमारी अब एक स्थानिक बीमारी बन गई है और चिंता का कारण नहीं है. सेवन हिल्स अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर निर्धारित हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है.
शालीमार बाग में फोर्टिस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी के सीनियर डायरेक्टर और हेड डॉ. विकास मौर्य का कहना है, 'जेएन.1 ने अब तक केवल हल्के से मध्यम कोविड-19 लक्षण पैदा किए हैं और गंभीर बीमारी का खतरा कम है. हम बीमारी के हल्के लक्षण देख रहे हैं और इससे गंभीर जटिलताओं के मामले बहुत अधिक नहीं हैं. विशेषज्ञ वर्तमान में प्रसारित हो रहे वेरिएंट की पहचान के लिए परीक्षण और जीनोमिक निगरानी पर भी जोर दे रहे हैं. घबराने की जरूरत नहीं है.'
साभार आज तक

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