दिव्यांग से दिव्य बने बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम

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रिपोर्टर - सोनू जोशी
नरसेवा ही नारायण सेवा है और समर्पण की भावना के साथ डॉक्टर प्रमोद नीमा ने 1993 में से ही उन नन्हे-मुन्ने बालक-बालिकाओं का फ्री इलाज शुरू कर दिया, जो दिव्यांग थे। रेंगकर चलने वाले अब स्टेज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे, ये सब होगा नीमा इंस्टीट्यूट आॅफ आथोर्पेडिक्स एण्ड रिहेबिलिटेशन ट्रस्ट और आरोग्या भारती मालवा प्रांत के विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम में, जिसका पूरे शहर को इंतजार है।
नीमा इंस्टीट्यूट आॅफ आर्थोपेडिक्स एंड रिहेबिलिटेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद पी.नीमा और आरोग्य भारती मालवा प्रांत के वैद्य लोकेश जोशी ने बताया कि दिव्यांग से दिव्य बने बच्चे जब स्टेज पर परफार्मेन्स देंगे तो देखने वाले तालियां बजा उठेंगे। ये कार्यक्रम नंबर वन इंदौर का नंबर वन कार्यक्रम होगा, क्योंकि ऐसे बच्चे जो रेंंगकर चलते थे, उनके लिए तालियां बजे, ऐसा बनाने का काम डॉक्टर प्रमोद नीमा ने किया है। दिव्यांग से बने दिव्य बच्चे विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति 20 अप्रैल को सुबह साढ़े दस बजे से देंगे। लता मंगेशकर सभागार  वीआईपी परस्पर नगर में यह कार्यक्रम होगा। नर सेवा नारायण सेवा और समर्पण की भावना के साथ डॉ प्रमोद पी नीमा काम कर रहे हैं।  वर्ष 1993 से अब तक वे ऐसे 28 हजार बच्चों का फ्री इलाज कर चुके हैं, जो जन्मजात दिव्यांग होकर, रंगकर चलते थे या खड़े भी नहीं हो सकते थे। इन्हीं बच्चों का अब सांस्कृतिक कार्यक्रम है।

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