मणिपुर में एक बार फिर से माहौल तनावपूर्ण हुआ, कर्फ्यू, इंटरनेट बैन और 2000 जवान फिर पहुंचे

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नई दिल्ली। मणिपुर में एक बार फिर से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। बीते कुछ दिनों में हुई झड़पों के चलते हालात ऐसे हैं कि तीन जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और इंटरनेट भी सस्पेंड किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोगों के बीच अफवाह फैलने से रोका जा सके। अभी 5 दिनों के लिए इंटरनेट पर रोक रहेगी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में होम मिनिस्टर अमित शाह को दखल देना चाहिए। बीते साल से ही राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच झड़पों का दौर जारी है। ऐसी हिंसा फैली है कि कई जिलों में एक-दूसरे के समुदाय के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं।
इनर मणिपुर से कांग्रेस के सांसद ए. बिमोल अकोइजाम ने अमित शाह को पत्र भी लिखा है और मांग की है कि हिंसा की हालिया घटनाओं की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि इस उपद्रव में ड्रग्स माफिया और बाहरी तत्वों का भी योगदान है। इसके अलावा उन्होंने इसके पीछे विदेशी साजिश को भी वजह बताया है। फिलहाल नए सिरे से फैली हिंसा ने मणिपुर में एक बार फिर से उबाल पैदा कर दिया है। आइए जानते हैं, इसके चलते राज्य में कैसे हैं हालात...
मणिपुर के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों को 11 और 12 सितंबर को बंद ही रखने का आदेश दिया है। राज्य भर में चल रहे प्रदर्शनों के कारण यह फैसला लिया गया है।
हालात यह हैं कि मणिपुर में कई जगहों पर उपद्रवियों ने ड्रोन और रॉकेट तक से हमले किए हैं। इस बीच राज्य पुलिस ने ऐटी ड्रोन सिस्टम्स की तैनाती है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर इनकी खरीद भी की जा रही है क्योंकि सरकार के पास यह पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
बीते सप्ताह मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई थी। इसके चलते 6 लोगों की मौत हो गई थी। अब तक मिली जानकारी के अनुसार संदिग्ध कुकी उपद्रवियों ने मैतेई समुदाय बहुल गांव नुंगचप्पी में हमला बोला था। यह गांव इंफाल से 229 किलोमीटर दूर है। इसके बाद यह हिंसा भड़की थी।
जिरीबाम वह जिला है, जहां से शांति की उम्मीद जगी थी। यहीं पर मैतेई और कुकी समुदाय के नेताओं को बिठाया गया था। इनके साथ सुरक्षा बलों के कमांडर भी मौजूद थे। इस बैठक में दोनों समुदायों के लोगों ने शांति की ओर बढ़ने पर सहमति जताई थी, लेकिन विवाद थमा नहीं है।
शुक्रवार की शाम को तो हालात ऐसे थे कि उपद्रवियों की भीड़ ने मणिपुर राइफल्स के कैंप में हमला बोलकर हथियार लूटने की कोशिश की थी। अंत में सुरक्षा बलों ने जब हवाई फायर किए और आंसू गैस के गोले दागे तब जाकर उपद्रवियों को कंट्रोल किया जा सका।
थाउबल जिले में सोमवार को उपद्रवियों ने पुलिस वालों से हथियार भी छीन लिए। इसके अलावा पुलिस वालों पर ही फायरिंग भी की।
मणिपुर के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि मेघायल के सीएम कोनराड संगमा ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि भारत सरकार को दखल देना चाहिए ताकि दूसरे राज्यों तक असर न पहुंचे।
इस बीच केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की दो बटालियनों को मणिपुर भेजा है। इन बटालियनं में कुल 2000 जवान होंगे।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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