सायबर अपराधियो द्वारा सीहोर निवासी देवेन्द्र कुमार परमार का करंट खाता खुलवाकर किराये पर लेकर खाते में कुल 91,08,991/- रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया
आरोपीगण गिरफ्तार होकर जेल दाखिल
इंदौर। राज्य सायबर पुलिस जोन इन्दौर द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए.सांई मनोहर के निर्देश पर एवं उप पुलिस महानिरीक्षक, यूसुफ कुरैशी के पर्यवेक्षण में पुलिस अधीक्षक सायबर जोन इन्दौर सव्यसाची सराफ के मार्गनिर्देशन में सायबर अपराधियो के विरुद्ध न केवल लगातार कार्यवाही की जा रही ही बल्कि गहन तकनीकि विश्लेषण करते हुऐ सायबर अपराधियो द्वारा अपराधो को अंजाम देने में प्रयोग में लाये जाने वाले तरीको का पता लगाया जाकर उन पर नियंत्रण करते हुए कठोर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है ।
राज्य सायबर सेल जोन इंदौर म.प्र. में अप क्रमांक 92/2025 धारा 318(4),3(5) भारतीय न्याय संहिता 66डी आईटी एक्ट की विवेचना की जा रही है जिसमें फरियादी शिवदत्त तिवारी पिता स्व. जी.पी. तिवारी नि. 334/ए महालक्ष्मी नगर इंदौर के द्वारा शिकायत की गई है कि उसे अज्ञात व्यक्ति द्वारा शेयर मार्केट में इंवेस्ट कराने के लिये किसी व्हाटसप ग्रुप मे जोडा गया तथा स्वयं को JAINAM Broking Limited कम्पनी का अधिकारी बताये हुए शिकायत कर्ता को एक सर्टिफिकेट दिया गया जिसमें Practice body registration number: NSE:12169| BSE 2001|CDSL IN-DP-CDSL-223-2016| SEBI: INZ000198735 होना लेख है, जिसके माध्यम से शिकायतकर्ता को उक्त कम्पनी के सेबी में रजिस्टर्ड होने का विश्वास दिलाया गया तथा उससे शेयर मार्केट में इंवेस्ट कराने के नाम पर कुल 52,15,682/- रुपये अलग अलग बैंक खातो मे जमा करवाकर धोखाधडी की गई है, उक्त शिकायत पर खाता धारको व संदेही मोबाइल नंबर धारको के विरुद्ध अपराध पंजीद्ध कर विवेचना मे लिया गया था ।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच कर तत्काल वैधानिक कार्यवाही हेतू उप पुलिस अधीक्षक सायबर जोन -इन्दौर नरेन्द्र रघुवंशी द्वारा सायबर जोन इन्दौर के निरी सरिता सिंह एवं उनकी टीम को दिये गये अपराध की विवेचना में पाया कि आरोपी के IDFC फर्स्ट बैंक में धोखाधडी कुल 10,51,000/- रुपये स्थानांतरित कराये गये थे ।
अपराध की अग्रिम विवेचना में तकनीकि विश्लेषण किया गया । टीम द्वारा लगातार संदेही खाता धारको व संदेही मोबाइल नंबर की जानकारी प्राप्त की जा रही थी । विवेचना के दौरान पाया कि फरियादी द्वारा जिन जिन बैंक खातो में रुपये जमा किये गये है, उनमे एक खाता जिला सीहोर (म.प्र.) निवासी श्री परमार मोटर्स एंड वर्कशाप के नाम पर होना पाया गया । जिसकी तलाश पतारसी हेतू टीम जिला सीहोर रवाना हुई । सीहोर निवासी खाता धारक देवेन्द्र कुमार पिता ज्ञानसिंह परमार को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई जिसने अपना खाता , एटीएम कार्ड,मेल आई डी, व खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नं. की सिम पैसो के लालच मे आकर अपने करीबी साथी राहूल मेवाडा व जितेन्द्र परमार नि आष्टा को देना तथा उक्त खाते में जितना ट्रांजेक्शन होगा उसका 1% उसे मिलने की बात होना बताया। आरोपी के पास से दो मोबाईल फोन, सिम कार्ड, फर्जी आधारकार्ड तथा पेनकार्ड भी मिले जिनमे अलग अलग आधार नं. व पेन नं. लिखे होना पाये गये, जिन्हे जप्त किया गया । जिन्हे विधिवत जप्त किया जाकर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया । आरोपी देवेन्द्र के बताये मेमो के आधार पर प्रकरण में संलिप्त एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया ।
गिरफ्तार आरोपीगण के नाम – देवेन्द्र कुमार पिता ज्ञानसिंह परमार उम्र 31 साल नि बजरंग कालोनी इन्दौर नाका सीहोर
जितेन्द्र पिता बदरीलाल परमार उम्र 35 साल नि भौंरा तह आष्टा जिला सीहोर (म.प्र.)
सराहनीय भूमिका- निरीक्षक सरिता सिंह, उपनिरीक्षक निकिता सिंह, आर. राकेश ,आर 29 गजेन्द्र सिंह , आर . मोहित , आर चालक दिनेश की सराहनीय भूमिका रही ।
सावधानियां-
1. किसी भी प्रकार के इंन्वेस्टमेंट कर अधिक पैसे कमाने का वादा करने वाले ग्रुप से सावधान रहे ।
2. पैसे कमाने का शार्टकट पड सकता है मंहगा ।
3. स्वयं के पहचान पत्र, खाते की जानकारी , एटीएम कार्ड, मेल आईडी , पासवर्ड आदि किसी को भी न दे ।
4. सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले शेयर मार्केट से संबंधित एप व लिंक की सत्यता की जांच कर लें ।
5. किसी भी लिंक से डाउनलोड होने वाले एप की सत्यता की जांच कर लें ।
6. यदि किसी भी प्रकार से फ्राडस्टर के जाल में फंस गए है तो उसकी शिकायत www.cybercrime.gov.in एवं हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दर्ज करावें ।