लानत है यार, खरीदा हुआ जमीर तो नहीं जनप्रतिनिधियों का...

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तीन साल पहले मैंने गंदे पानी की सप्लाई को मुद्दा बनाकर खुला चैलेंज दिया था कि आयुक्त महोदय कलेक्टर, कमिश्नर, महापौर यह पानी पिकर बताएं 3100रुपये नगद ले जाए,,,
विरोध स्वरूप 1रुपये में बोतलबंद पानी भी बेचा,,,।
विरोध प्रदर्शन जमीर जगाने खातिर था,,,,जमीर मर गया मतलब आप पुतले हो,,,,
शहर ने भरपल्ले जनसमर्थन दिया बार बार दिया,,,,भर क्या मिला,,,।
शहर भी रीढ़विहीन है देखिए जब सुभाष चौक पानी की ढंकी में लाश सडी गली मिली,,, जयहिंद नगर में गधे की सडी गली काया मिली,,,, लगातार यशवंत सागर में लाशे आदि मिलती रही तो सवाल जवाब नहीं किया,,, लठ्ठ उठाना था,,, आवाज ना सुने सरकार तो भगतसिंह उवाच याद रखना चाहिए धमाका करो बहरी सरकार तब सुनेंगी,,,।
इंवेट,मैनैजमेंट और सेंटिंग से दिखावा से पुरस्कृत होने वाले रीढ़विहीन होते हैं या मतांध 
मतांध उपयुक्त रहेगा,,,।
भाजपा सरकार मतांध हो चली है,,,
कारण अफसरशाही हावी 
जिन जिम्मेदार अधिकारियों की लानत मलामत होना चाहिए सवाल जवाब होना चाहिए वे खौफजदा नहीं निश्चित है कारण चहेते हैं,,,
जनप्रतिनिधियों को आगे से आगे बढ़ने की ललक,,ललक हो पर कर्तव्य भी ,,,पर अब उसकी जगह,,,, अन्य काम 
सन् 1999से भाजपा की परिषद है बस 1994में कांग्रेस परिषद आई थी,,,1983में भाजपा परिषद,,,,,पहले जनता परिषद 1966में,,,,
मतलब नेहरू दोषी नहीं,,,
तो 
नर्मदा मैय्या नाराज हो चली अगर ऐसा है तो फिर जलूद फिल्टर पंप,,,, पानी ढंकी मैनेटनसं करोड़ों का ठेका,,,,
मतलब अब कांग्रेस दोषी 
नर्मदा मैय्या को सरकार लाती नहीं तो यह सब नहीं होता,,,
चलो दे दो दोष,,,
कितनी बार सजा देंगे दी सजा 
पर कम से कम खुद को सजा मत दिजीऐ अपनी संतान परिवार समाज शहर को मत दीजिए,,,
सवाल किजिए हवा शुद्ध नहीं 
सड़क चलने लायक नहीं 
ड्रेनेज लाईन कागजों पर ज्यादा या खेल की
और बगीचे अतिक्रमण भेंट या फिर धार्मिक स्थल खातिर या फिर पानी ढंकी,,,
पानी गंदा मटमैला ड्रेनेज मिला 
एक दिन छोड़कर,,
सरकारी बोरिंग का पानी,,,दादा भाई नेताजी दबंगों के लिए,,,
तो फिर क्या 
हम सब रतौंधी पाले हुए विकास विकास विकास,,,,
कारण,,,
कायरता दब्बूपन बैहयाई और क्या,,,
शायद कौरवों से सिखते एक भाई उठा था पांचाली चीर हरण खिलाफ,,,
मंगल पांडे से सिखते बग़ावत 
पर नहीं 
हम सब 
कायरता दब्बूपन बैहयाई में 
मरने दीजिए,,,
एक,दो
तीन चार
पांच 
अरे अरे
सात हो गये 
डेढ़ सौ भर्ती उपचार खातिर 
होने दीजिए उपचार 
अरे 
मुख्यमंत्री जी दौरा करने वाले हैं,,,
स्वागत करे बार बार करें 
मंत्री जी तो उच्चतम न्यायालय है तो 
दरवाजा बजाईये,,,,बज गया 
नहीं मौतों का मंजर सज गया 
भागीरथ नाम जो गंगा जमीन पर लाए थे,,,,
काश यह भागीरथ पुरा की घटना 
जमीर शहर का जगा दे
नाम गुण बता दें।।।
मुद्दा बनकर ना दफ़न हो मौतें 
प्रमोद कुमार व्दिवेदी एड्वोकेट नंबर 9826093634

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