मौत बनकर नलों से टपका पानी: इंदौर में दूषित पेयजल से मचा हड़कंप, 8 की मौत का दावा
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इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में कथित तौर पर दूषित पानी ने कहर बरपा दिया है। दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त होने से 8 लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है, जबकि प्रशासन ने 3 मौतों की पुष्टि की है। वहीं,100 से ज्यादा लोगों को गंभीर दिक्कतों के साथ अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर अफसोस जताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी और सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
स्थानीय लोगों का दावा है कि दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की वजह से 8 लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से बीमार पड़ने के बाद पिछले एक सप्ताह में 6 महिलाओं सहित 8 लोग दम तोड़ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में नंदलाल पाल (70), उर्मिला यादव (60) और तारा कोरी (65) की डायरिया से मृत्यु हुई है।
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भागीरथपुरा क्षेत्र में नगर निगम के एक जोनल अधिकारी और एक सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक प्रभारी सब-इंजीनियर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। अधिकारी ने बताया कि दूषित पेयजल कांड की जांच के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि शहर के भागीरथपुरा इलाके में उल्टी-दस्त के प्रकोप के बारे में पता चलने पर स्वास्थ्य विभाग ने 2,703 घरों के सर्वेक्षण के दौरान करीब 12,000 लोगों की जांच की और इनमें से हल्के लक्षणों वाले 1,146 मरीजों को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया। उन्होंने बताया कि अपेक्षाकृत गंभीर स्थिति वाले 111 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया जिनमें से 18 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। सीएमएचओ ने बताया, ‘मरीजों का कहना है कि दूषित पानी पीने के बाद उन्हें उल्टी-दस्त और शरीर में पानी की कमी की दिक्कतें शुरू हो गईं।’
नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने बताया कि भागीरथपुरा में जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में उस स्थान पर लीकेज पाया गया है, जिसके ऊपर एक शौचालय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि संभवतः इसी लीकेज के कारण पेयजल दूषित हुआ। इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि प्रशासन दूषित पेयजल कांड में अपनी गंभीर लापरवाही छिपाने के लिए मृतकों का वास्तविक आंकड़ा छिपा रहा है। उन्होंने कहा, ‘दूषित पेयजल कांड ने देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की छवि पर बदनुमा दाग लगा दिया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज लीपापोती की जा रही है।’
हासानी ने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में चार एम्बुलेंस के साथ चिकित्सकों के कई दल तैनात हैं जो उल्टी-दस्त के प्रकोप से निपटने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस इलाके से पेयजल के नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। इस बीच, शहर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि उन्हें भागीरथपुरा क्षेत्र में उल्टी-दस्त से पीड़ित 3 लोगों की मौत की जानकारी मिली है। उन्होंने हालांकि मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया। मेयर ने कहा, ‘पेयजल के नमूनों की जांच रिपोर्ट का हालांकि इंतजार किया जा रहा है, लेकिन पहली नजर में लगता है कि ड्रेनेज का पानी पेयजल की आपूर्ति वाली लाइन में मिलने से पेयजल दूषित हुआ। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।’
साभार लाइव हिन्दुस्तान

