महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर भड़की एकनाथ शिंदे की शिवसेना, लगानी पड़ गई रोक

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मुंबई। महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है और मंत्रालयों के बंटवारों के बाद कामकाज भी चल रहा है, लेकिन महायुति में रार का एक नया विषय खड़ा हो गया है। रविवार को ही देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने नासिक और रायगड़ जिलों में प्रभारी मंत्री नियुक्त करने का आदेश जारी किया था, जिस पर अब स्टे लगा दिया है। इस फैसले के खिलाफ एकनाथ शिंदे की लीडरशिप वाली शिवसेना के बीच भारी असंतोष दिखा था और कई जगहों पर शिवसैनिकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। ऐसे में देर रात ही सरकार ने फैसले पर स्टे लगा दिया। शिवसेना का कहना है कि प्रभारी मंत्री के चयन में पारदर्शिता और समानता रखी जाए। यह विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि एनसीपी की नेता अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनाया गया है, जबकि नासिक की जिम्मेदारी भाजपा लीडर गिरीश महाजन को मिली है।
महाराष्ट्र में प्रभारी मंत्री को ही गार्जियन मिनिस्टर कहा जाता है। गार्जियन मिनिस्टर की जिले की विकास योजनाओं से जुड़ी मीटिंगों में हिस्सेदारी होती है और वह सभी मामलों का एक तरह से निरीक्षणकर्ता होता है। ऐसे में इसका काफी महत्व होता है और पार्टियों के बीच प्रभारी मंत्री के पद को लेकर खींचतान रहती है। रविवार को जैसे ही जानकारी मिली कि प्रभारी मंत्री का पद भाजपा और एनसीपी के खाते में गया है तो शिवसैनिक भड़क गए। शिवसेना को उम्मीद थी कि भारत गोगावाले को रायगड़ का प्रभारी मंत्री बनाया जाएगा, जबकि नासिक की कमान दादा भुसे को मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसे शिवसैनिकों ने एनसीपी एवं भाजपा के बीच गठजोड़ के चलते खुद को नजरअंदाज करने के तौर पर देखा गया है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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