कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के परिवार वालों ने खुद को घोषित किया 'देशभक्त'

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नई दिल्ली. जेल में बंद अलगाववादी शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर और पाकिस्तान समर्थक दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी की पोती रुवा शाह ने खुद को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है. दोनों ने भारत की संप्रभुता के प्रति अपनी निष्ठा की घोषणा की है. स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित एक जैसे सार्वजनिक नोटिस में उन्होंने खुद को अलगाववादी राजनीति से दूर करने का ऐलान किया है.
गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ ​​अल्ताफ फंटूश की बेटी रुवा शाह ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया और खुद को उनके दिवंगत दादा द्वारा स्थापित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से अलग कर लिया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति उनका कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है. बताते चलें कि सैयद अली शाह गिलानी अलगाववादी राजनीति के केंद्र में थे और कट्टरवादी हुर्रियत के अध्यक्ष रहे हैं. गिलानी ने हमेशा पाकिस्तान परस्त राजनीति की. 2021 में उनका निधन हो गया था.
रुवा शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित नोटिस में कहा, मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और ऐसे किसी संगठन या संघ से संबद्ध नहीं हूं जिसका भारत संघ के खिलाफ एजेंडा है और मैं अपने देश (भारत) के संविधान के प्रति निष्ठा रखती हूं. रुवा के पिता कथित आतंकी फंडिंग के आरोप में जेल में बंद रहे हैं. पिछले साल लंबी बीमारी के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी.
इसी तरह, कश्मीर में सीबीएसई की पूर्व टॉपर 23 वर्षीय समा शब्बीर ने गुरुवार को एक स्थानीय समाचार पत्र में सार्वजनिक नोटिस में प्रकाशित करवाया है. इसमें उन्होंने एक वफादार भारतीय नागरिक के रूप में अपनी स्थिति पर जोर दिया और स्पष्ट रूप से अपने पिता द्वारा स्थापित प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन से खुद को दूर कर लिया. समा शब्बीर के पिता शब्बीर शाह फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
साभार आज तक 

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