स्टेट प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में फ़िल्म - संगीत निर्देशक पलाश मुछाल ने सितारा क्रिकेटर स्मृति मंधाना से विवाह की घोषणा की
इंदौर में फ़िल्म निर्माण बढ़ने के लिए पूरा माहौल तैयार है : पलाश मुछाल
पत्रकार खुशबू श्रीवास्तव
इंदौर। मेरी बरसों से तमन्ना थी कि इंदौर में पूरी फ़िल्म शूट करूं। 'राजू बाजे वाला ' फ़िल्म में इंदौर की सभी ख़ास जगहें और गलियां दिखाई देंगी क्योंकि इंदौर से मुझे प्यार है। दस साल यहां रहा हूँ और इंदौर मेरे अंदर बसता है।
ये बात प्रख्यात फ़िल्म निर्देशक, संगीत निर्देशक, लेखक, एक्टर और गायक श्री पलाश मुछाल ने स्टेट प्रेस क्लब,मप्र द्वारा आयोजित 'रूबरू' कार्यक्रम में कही। फ़िल्म में मुख्य किरदार निभा रहे पंचायत वेब सिरीज़ से लोकप्रिय श्री चंदन रॉय और बालिका वधू से सुपरस्टार बनीं सुश्री अविका गौर ने भी फ़िल्म और टीवी जगत के बारे में बात की। श्री पलाश मुछाल ने बताया कि वे सदैव सब्जेक्ट आधारित, साफ सुथरी और मैसेज देने वाली ऐसी फ़िल्में बनाना चाहते हैं जैसी वे स्वयं देखना चाहते हैं। ' राजू बैंड वाला ' फ़िल्म बैंड बजाने वालों के जीवन, इमोशन, उतार चढ़ाव पर आधारित है। इसमें कई फ़िल्म सितारे कैमियो भी करेंगे और संगीत जगत के कई सितारे भी बैंड बाजा उद्योग को अपना ट्रिब्यूट देंगे।
प्रसिद्ध क्रिकेटर स्मृति मंधाना होंगी इंदौर की बहू - एक सवाल के जवाब में पलाश ने अपने विवाह की घोषणा करते हुए स्वीकार किया कि महिला क्रिकेट टीम की सितारा खिलाड़ी स्मृति मंधाना से भी शीघ्र परिणय सूत्र ने बंधने जा रहे हैं। पलाश ने कहा कि इंदौर में फ़िल्म निर्माण के तकनीकी साधनों की कुछ कमी अवश्य है लेकिन यहां अच्छी लोकेशनों की कमी नहीं है और नागरिक इतने सहयोगी स्वभाव के हैं कि यहां फ़िल्म निर्माण आसानी से सम्भव है। वे इंदौर में भी प्रोडक्शन हाउस प्रारंभ करने की योजना बना रहे हैं। राजू बैंड वाला फ़िल्म का पंद्रह दिन का पहला शूटिंग शेड्यूल पूरा होने के बाद दूसरा शेड्यूल इंदौर में ही दिसंबर में होगा। फ़िल्म एक लीडिंग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अगले वर्ष अप्रैल में रिलीज़ होगी।
राजू बैंड वाला का किरदार सबसे चुनौती पूर्ण : फ़िल्म के नायक श्री चंदन रॉय ने बताया कि इस फ़िल्म में उनका रोल बहुत दमदार और अब तक का सबसे चैलेंजिंग रोल है। बैंड वालों के जीवन की मेहनत, संघर्ष और कैरेक्टर के धागे खोलने के अलावा उन्होंने ट्रम्पेट बजाने की प्रेक्टिस भी की। पलाश के निर्देशन की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि वे कहते हैं कि बिना किसी इमोशनल तैयारी के आइए, खाली कैनवास की तरह, और वे उस कैनवास में रंग भर देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने थिएटर कम किया है उनकी मसल मेमोरी में कोई तयशुदा फॉर्मूला नहीं है। वे कोशिश करते हैं कि स्वाभाविक रहकर किरदार को निभाऊं।
बचपन की मेहनत का सुफल आजतक मिल रहा है : फ़िल्म की नायिका सुश्री अविका गौर ने कहा कि बचपन में अभिनय को लेकर की गई मेहनत का फल उन्हें आजतक मिल रहा है। कम उम्र में मिली लोकप्रियता और दर्शकों के भरोसे के कारण वे आज भी सब्जेक्ट पसंद आने पर भी फ़िल्म करती हैं। वे प्रोजेक्ट की बेहतरी के लिए अपनी निजी प्राथमिकताओं को पीछे कर सकती हैं। अपने काम के प्रति अविका का समर्पण इतना कमाल है कि वे अपनी शादी के हफ़्ते भर से पहले ही शूटिंग के लिए इंदौर आ गईं। उनका उनकी ससुराल में गृह प्रवेश दीपावली के बाद होगा। इस समर्पण के लिए उन्हें विशेष सराहना मिली। उन्होंने कहा कि एक अच्छे कारण के कारण हो रही इस देरी को, उनके कार्य के महत्व को परिवार बहुत अच्छे से समझता है इसलिए कार्य और निजी जीवन के बीच समन्वय आसान है। सुश्री अविका ने बॉलीवुड की वर्तमान स्थिति पर कहा कि दर्शकों की पसंद का दबाव हमेशा उद्योग पर रहना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष श्री प्रवीण खारीवाल, सुश्री सोनाली यादव, सुश्री ऋतु साहू, श्री विजय गुंजाल, श्री बंसी लालवानी, श्री संजय मेहता, श्री अजय भट्ट ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री रवि चावला, श्री सुनील अग्रवाल, श्री सुदेश गुप्ता एवं सुश्री खुशबू यादव ने स्मृति चिन्ह प्रदान किए। श्री कुमार लाहोटी ने स्टेट प्रेस क्लब,मप्र द्वारा प्रकाशित कार्टूनों की पुस्तक तथा श्रीमती रचना जौहरी ने दीपावली उपहार भेंट किए। रूबरू कार्यक्रम का संचालन श्री आलोक बाजपेयी ने किया।

