विपक्ष के दबाव के बाद EC ने पलटा फैसला... पहले डाक मतपत्र की गिनती के बाद ही ईवीएम की गिनती
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने डाक मत-पत्रों और ईवीएम पर डाले गए मतों की गिनती को अलग करने के अपने 2019 के फैसले को पलट दिया है। बिहार चुनाव से पहले आयोग ने गुरुवार (25 सितंबर) को मतगणना प्रक्रिया में बदलाव करते हुए डाक मत-पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक विधि से भेजे गये डाक मत-पत्रों (ETBP) की गिनती हर हाल में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के मतों की अंतिम दो दौर की गणना से पहले पूरा कराने का निर्णय लिया है। आयोग की तरफ से कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी डाक मत-पत्रों की गिनती के बाद ही ईवीएम की गिनती पूरी हो।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा, "ईवीएम/वीवीपैट की गिनती का अंतिम से पहले (दूसरा आखिरी) दौर तब तक शुरू नहीं किया जाएगा, जब तक मतगणना केंद्र पर डाक मत-पत्रों की गिनती पूरी नहीं हो जाती।" आयोग ने कहा कि यह निर्णय मतगणना प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने और डाक मत-पत्रों की गिनती में आवश्यक स्पष्टता प्रदान करने के लिए लिया गया है।
विपक्षी दल लगातार इस बदलाव की मांग कर रहे थे और चिंता व्यक्त कर रहे थे कि अंतिम समय में खारिज किए गए या वैध ठहराए गए डाक मतपत्रों की संख्या के आधार पर चुनाव में हार-जीत का अंतर प्रभावित हो सकता है। बता दें कि 2019 तक चुनाव आयोग सभी डाक मत-पत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम मतों की गिनती के अंतिम दौर की प्रक्रिया का पालन करता था। फिलहाल लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ऐसे मत-पत्रों की गिनती मतगणना के दिन सबसे पहले सुबह आठ बजे शुरू की जाती है और ईवीएम के वोट और वीवीपीएटी की गिनती 8:30 बजे शुरू कराई जाती है।
आयोग ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यह फैसला चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुचारू और सशक्त बनाने के लिए आयोग द्वारा उठाये गये कदमों का एक हिस्सा है। आयोग इससे पहले 29 और नई पहलें कर चुका है। आयोग ने कहा कि मतगणना के दिन डाक मतपत्रों की स्थिति से अलग ईवीएम के मतों की गिनती चलती रहती है और सामान्यत: डाक मतपत्रों की गिनती पहले पूरी हो जाती है। पर सैद्धांतिक रूप से इस बात की संभावना बनी रहती है कि ईवीएम की गिनती डाक मतपत्र की गिनती से पहले खत्म हो जाए।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

