“झोपड़ी से आसमान तक – सपनों को पंख देने वाली कहानी”
रणजीत टाइम्स – प्रेरक विशेष रिपोर्ट
इंदौर। कहते हैं कठिनाइयाँ इंसान को तोड़ती नहीं, बल्कि उसे तराशती हैं। इसी बात को सच कर दिखाया है इंदौर ज़िले के एक छोटे से गाँव के युवक रामू चौधरी ने, जिसने हालात से लड़कर अपने सपनों को हक़ीक़त में बदल दिया।
गरीबी ऐसी कि घर में छप्पर से बारिश टपकती थी। पिता मज़दूर और माँ खेतों में काम करती थीं। कई बार स्कूल जाने के लिए चप्पल तक नहीं होती थी, लेकिन ज्ञान पाने की ललक ने उसे रुकने नहीं दिया। खेतों में काम करके वह थक जाता, लेकिन रात को लालटेन की रोशनी में किताबें पढ़ता।
कक्षा 12वीं में उसने पूरे ज़िले में टॉप किया। आर्थिक तंगी के बावजूद हार नहीं मानी। दिन में मज़दूरी और रात को पढ़ाई करके उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। कई बार फीस भरने के लिए दूसरों के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया।
आज वही रामू चौधरी विदेश की एक नामी एरोनॉटिकल कंपनी में इंजीनियर है। गाँव लौटकर जब उसने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया तो उसकी आँखों में चमक थी। उसने कहा –
“मेरे पास कभी साधन नहीं थे, लेकिन हिम्मत और मेहनत ने मुझे यहाँ तक पहुँचाया। सपने छोटे-बड़े नहीं होते, बस उन्हें पूरा करने की जिद होनी चाहिए।”
गाँव के बच्चे और युवा अब उसे अपना आदर्श मानते हैं। रामू की यह कहानी बताती है कि –
???? गरीबी हालात है, लेकिन मेहनत इंसान की पहचान बनाती है।
???? मुश्किल रास्ते ही हमें मंज़िल तक ले जाते हैं।

