मक्का की बालियों में संजोया भविष्य : अशोकनगर जिले के खिरियत में किसानों की नई उम्मीद
दैनिक रण जीत टाइम्स संवाददाता जगदीश पाल
अशोकनगर (अशोकनगर )जिले की उर्वर माटी में आज कुछ विशेष हलचल रही। अशोकनगर जिले के खिरियत के हृदयस्थल पर किसान एकत्र हुए—कुछ उम्मीदें लेकर, कुछ प्रश्नों संग, और बहुत-सी जिज्ञासाएँ लिए। मंच सजा था मक्का की सुनहरी बालियों के नाम, और आवाज़ थी—कृषि के नवयुग की।
इस अवसर पर कामदगिरि क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी पहल से एक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री एम. के. शर्मा और
एरिया प्रबंधक अवधेश तिवारी ने मक्का की उन्नत किस्मों—1818 एवं 1818 प्लस—पर अत्यंत सहज, परंतु वैज्ञानिक ढंग से प्रकाश डाला। उनके शब्दों में न केवल जानकारी थी, बल्कि अनुभव की वह सुवास भी थी, जो सीधे खेतों से निकलकर किसानों के दिल तक पहुँची।
श्री शर्मा ने बताया कि मक्का की ये नवीनतम किस्में न केवल मौसम की मार झेलने में सक्षम हैं, बल्कि उपज की दृष्टि से भी अपूर्व हैं। उन्होंने भूमि की तैयारी से लेकर बीज बोने की विधि, उर्वरकों के संतुलित प्रयोग से लेकर रोग प्रतिरोधक उपायों तक का सम्यक विवरण दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैसे वैज्ञानिक खेती अपनाकर किसान अपनी आमदनी को दोगुना ही नहीं, बल्कि उससे भी आगे बढ़ा सकते हैं।
संगोष्ठी का माहौल किसी मेले से कम न था। बुजुर्ग किसान जहाँ अपने अनुभवों को फिर से खँगाल रहे थे, वहीं युवा कृषक आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए उत्साहित दिखे। मक्का की बालियों के बीच उम्मीद की नर्म कलियाँ भी मुस्कुरा उठीं।
यह आयोजन मात्र एक गोष्ठी नहीं, बल्कि एक संदेश था—कि जब विज्ञान और परंपरा एक साथ चलते हैं, तो खेत केवल अन्न नहीं, भविष्य भी उपजाते हैं।

