गौरी-गणेश और महालक्ष्मी पूजन – इंदौर से अमरावती, नागपुर तक गूंजा आस्था का स्वर
रणजीत टाइम्स विशेष समाचार
इंदौर/अमरावती/नागपुर/महाराष्ट्र
भाद्रपद मास के पावन अवसर पर इस वर्ष भी गौरी-गणेश और महालक्ष्मी पूजन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के शहरों में यह पर्व घर-घर आस्था और परंपरा का संदेश लेकर आया।

इंदौर में भव्य आयोजन
इंदौर के विभिन्न समाजिक मंडलों और परिवारों ने माता गौरी और महालक्ष्मी का स्वागत किया।
पंडुरंग खांडागळे (नेहरू नगर, इंदौर) वर्षों से इस परंपरा को निभा रहे हैं और इस बार भी पूरे परिवार के साथ श्रद्धा और उल्लास से माता गौरी और महालक्ष्मी का स्वागत किया।

मुरली फावड़े (राम नगर, इंदौर) ने हर साल की तरह अपने परिवार सहित माता का आगमन कर विधिवत पूजन किया।
दीपक वाडेकर ने भी प्रतिवर्ष की परंपरा निभाते हुए अपने परिवार के साथ पूजन सम्पन्न किया।
वानखड़े परिवार ने पुश्तों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए पिछले 30 वर्षों से हर साल की तरह इस बार भी खुशी और नई ऊर्जा से माता का स्वागत किया।

सोनार परिवार (विनायक टाउनशिप, इंदौर) ने भी पूरे हर्षोल्लास के साथ गौरी-गणेश और महालक्ष्मी का आगमन किया और घर-परिवार में उत्सव का माहौल बना।

अमरावती में धार्मिक उल्लास
अमरावती में मराठी समाज मंडलों और परिवारों ने सजावट, पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ माता का स्वागत किया। पारंपरिक व्यंजन और सामूहिक आरती ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
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नागपुर में श्रद्धा का माहौल
नागपुर शहर के विभिन्न हिस्सों में परिवारों ने फूलों से सजावट कर माता गौरी और महालक्ष्मी की प्रतिमाओं का पूजन किया। मंदिरों और मंडपों में भजन-कीर्तन और आरती के साथ उल्लास का माहौल रहा।

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धार्मिक महत्ता
गणेशजी: विघ्नहर्ता और मंगलकारी के रूप में पूजे जाते हैं।
गौरी/महालक्ष्मी माता: गृहस्थ जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और वैभव का प्रतीक मानी जाती हैं।
पर्व का मुख्य संदेश – परिवारिक एकता और समृद्धि की कामना।
तस्वीरों में उत्सव की झलक
इंदौर: खांडागळे, फावड़े, वाडेकर, वानखड़े और सोनार परिवारों द्वारा पूजन।
अमरावती: सामूहिक पूजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
नागपुर: घर-घर भक्ति और आरती का आयोजन।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह इंदौर से अमरावती और नागपुर तक सांस्कृतिक एकता और परंपरा को जीवंत बनाए रखने वाला उत्सव बन चुका है।

