ग्राम पंचायत झौत भ्रष्टाचार का गढ़ बनी, कागजी निर्माण और कार्यों से लाखों निकाले
गोटेगांव। जनपद पंचायत के अंतर्गत कागजी कार्यवाही कर मनरेगा के माध्यम से शासकीय राशि को निकालने का मामला सामने आया है जिसमें एक पंचायत के कर्मचारी द्वारा फर्जी मस्टर और बिना निर्माण किए लाखों रुपए की चपत शासन को लगाने का मामला सामने आया है ।
यह है पूरा मामला
जनपद मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर दूर स्थित है झोत ग्राम पंचायत जिसमें पंचायत के कर्मचारियों के द्वारा मनरेगा के माध्यम से कार्यों के फर्जी मस्टर रोल लगाकर लाखों रुपए का घोटाला किया है, ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार शांतिधाम में समतलीकरण, मवई में आंगनवाड़ी में समतलीकरण कार्य, मां की बगिया प्राथमिक शाला श्यामनगर एवं रिटनवाल निर्माण का कार्य धरातल पर हुआ ही नहीं है जबकि इनकी राशि का आहरण किया जा चुका है, गौरतलब है कि उक्त सभी कार्य मजदूरी के माध्यम से करवाए जाने थे और सभी कार्य बिना किसी पक्के निर्माण के होने थे जिसके कारण ग्राम रोजगार सहायक ने उक्त राशि का आहरण फर्जी तरीके से करवाया है।
विधायक ने पत्र लिख की कार्यवाही की मांग
ग्राम पंचायत झोत में हुए इस फर्जीवाड़े की जानकारी लगते ही गोटेगांव विधानसभा के विधायक महेंद्र नागेश ने एक शिकायती पत्र लिखते हुए झोत पंचायत की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने की मांग मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोटेगांव से की थी, इतना ही नहीं विधायक ने अपने पत्र में आठ कामों का जिक्र किया था जिनमें गड़बड़ी होने की आशंका विधायक को थी, इनमें वे तीन काम भी सम्मिलित हैं जो धरातल पर हुए ही नहीं है विधायक के लेटर के बाद तुरंत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोटेगांव ने तीन सदस्यीय जांच दलगठित कर तीन दिवस के अंदर प्रतिवेदन देने का आदेश जारी किया था।
कुछ भी बोलने को तैयार नहीं जांच अधिकारी
विधायक के पत्र को आज 22 दिन हो चुके हैं और मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोटेगांव के जांच आदेश को 18 दिन बीत गए हैं इसके बावजूद आज दिनांक तक ग्राम पंचायत के इस बड़े घोटाले पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, यहां तक की जांच करने गए दल के सदस्य मीडिया से कुछ भी कहने से बच रहे हैं जबकि कोई भी जांच करने के बाद जांच अधिकारी प्रतिवेदन सबमिट करने के बाद धरातल पर पाई गई अनियमितताओं की जानकारी मीडिया के साथ साझा कर देते हैं लेकिन यहां अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं जांच पर गए राजेश कुशवाहा उप यंत्री में पूछा तो उन्होंने कहा वह कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं है जानकारी टीम को लीड कर रही सहायक यंत्री अमृता अग्निहोत्री दे सकती हैं, वही अमृता अग्निहोत्री उक्त मामले में बताती है कि उन्होंने प्रतिवेदन दे दिया है विस्तृत प्रतिवेदन है प्रतिवेदन में क्या है इसकी जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्षा झरिया ही दे सकती हैं, वर्षा झरिया से लगातार फोन पर संपर्क करने के बाद भी उनके फोन पर कोई प्रति उत्तर नहीं मिला है।
इनका कहना है-
ग्राम पंचायत में कुछ ऐसे कामों की ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा मजदूरों के खाते से निकल गई है जो काम धरातल पर हुए ही नहीं है ग्राम पंचायत सचिव होने के नाते उक्त मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियो से की है।
- दीपचंद अगरिया, सचिव
ग्राम पंचायत में जांच हो चुकी है जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन दे दिया है हमें जो कुछ कहना था वह हमने बता दिया है आगे की जानकारी वरिष्ठ अधिकारी दे सकते हैं।
- श्रीकांत तिवारी, ग्राम रोजगार सहायक
हमारे द्वारा प्रतिवेदन मुख्य कार्यपाल अधिकारी गोटेगांव को जमा कर दिया गया है आगे मामले में विस्तृत जानकारी मैडम ही दे सकती हैं।
- अमृता अग्निहोत्री, सहायक यंत्री
पंचायत में बिना जीएसटी के बिल लगने का मामला मेरे संज्ञान में आया है हमने इन पंचायतों में जांच के आदेश दे दिए हैं
दिलीप सिंह
जिला पंचायत सीईओ नरसिंहपुर