समाजसेवी संस्थाओं पर जीएसटी अनुचित – लायन पवन मलिक ने वित्त मंत्री को भेजा पत्र
हाटपीपल्या से संजय प्रेम जोशी की रिपोर्ट
लायंस इंटरनेशनल, डि. 3233 सी (मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़) के लायन पवन मलिक (सेकंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर) ने भारत सरकार की माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी को पत्र लिखकर यह निवेदन किया है कि लायंस क्लब जैसी समाजसेवी संस्थाओं को जीएसटी से मुक्त किया जाए।
लायन पवन मलिक ने कहा कि लायंस क्लब से जुड़े सदस्य केवल समाजसेवा और सेवा गतिविधियों में भाग लेने के उद्देश्य से ही संगठन से जुड़ते हैं। इसके लिए वे स्वेच्छा से सदस्यता शुल्क (Membership Fees) प्रदान करते हैं। यह शुल्क व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूर्णतः सेवा कार्यों के संचालन और समाजहित में व्यय किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सदस्यता शुल्क पर जीएसटी लगाना अन्यायपूर्ण है और निःस्वार्थ भाव से काम करने वाली संस्थाओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालता है।
“सदस्यता शुल्क पर कर लगाने से समाजसेवी संस्थाओं की सेवा गतिविधियाँ प्रभावित होंगी। अतः इन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखना समाजहित में होगा।”
इस अवसर पर लायन पवन मलिक ने जोर देते हुए कहा कि सरकार से अपेक्षा है कि वह इस विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर समाजसेवा को प्रोत्साहन देने वाला निर्णय ले। साथ ही उन्होंने देशभर के अन्य समाजसेवी संगठनों और लायंस लीडर्स से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर अपने-अपने स्तर से वित्त मंत्री को पत्र लिखकर आवाज़ बुलंद करें।
लायंस इंटरनेशनल के GAT वाइस एरिया लीडर कुलभूषण मित्तल (कुक्की) और 3233G1 के गवर्नर अनिल खंडेलवाल ने संयुक्त रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी से मांग की है कि सामाजिक हितों के लिए कार्य करने वाली संस्था लायंस इंटरनेशनल क्लब बरसों से सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करता आ रहा है यह संस्था अपने सदस्यों से राशि एकत्र कर सामाजिक क्षेत्रों में समाज सुधार के कई कार्य करती है अतः इसे GST के दायरे से मुक्त किया जाए।

