अमेरिका में गर्मी से हाल बेहाल, मोम वाले अब्राहम लिंकन ही पिघल गए

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वॉशिंगटन। अमेरिका में गर्मी की वजह से लोगों का हाल बेहाल है। तेज धूप की वजह से एक अजीबों गरीब मामला सामने आया है। चिलचिलाती हुई धूप की वजह से वॉशिंगटन में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की छह फुट ऊंची मोम की मूर्ति  पिघलने लगी। देखते ही देखते मूर्ति का सर पिघल कर अलग हो गया। लिंकन मेमोरियल की तर्ज पर बनाए गए इस मूर्ति का सिर निकल गया और पैर भी धड़ से अलग हो गया। दूसरा पैर भी सोमवार तक पिघल गया। 
मूर्ति को बनवाने वाले एनजीओ कल्चरलडीसी ने कहा, "हमारे कर्मचारियों ने जानबूझकर लिंकन का सिर हटा दिया है ताकि वह गिरकर टूट न जाए।3,000 पाउंड की इस मोम की मूर्ति को मोमबत्ती की तरह जलाया जाना है और समय के साथ इसमें बदलाव किया जाना है, लेकिन इस भीषण गर्मी ने इस मूर्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है।"
संगठन ने कहा कि लिंकन की मूर्ति में इस्तेमाल किए गए मोम का जमने का बिंदु- जहां कोई पदार्थ पिघलना शुरू होता है- 140 डिग्री( फारेनहाइट) है। "40 एकड़: कैंप बार्कर" नाम की इस प्रतिमा को सितंबर तक स्कूल में रखा जाना था। कल्चरलडीसी ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, "यह स्थापना डीसी के गृहयुद्ध के दौर के रिफ्यूजी कैंप के इतिहास पर बनाई गई है। शरणार्थी शिविर जिसमें पहले गुलाम बनाए गए और मुक्त करवाए हुए अफ्रीकी अमेरिकी रहते थे। कैंप बार्कर को उस जगह पर स्थापित किया गया था जहाँ अब गैरीसन एलिमेंट्री है।" अब्राहम लिंकन अमेरिका का 16 वें राष्ट्रपति थे। अमेरिका में स्लेवरी यानी गुलामी की प्रथा को खत्म करने का श्रेय लिंकन को ही दिया जाता है। वह 1861 से 1865 तक राष्ट्रपति रहे थे।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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