हरदा में तबाही का खौफनाक मंजर, देर तक दहकता रहा आसमान

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हरदा. मध्य प्रदेश के हरदा (mp harda) में पटाखा फैक्ट्री (firecracker factory) में हुई भीषण घटना ने इलाके को दहला दिया. कई किलोमीटर तक आवाज सुनाई दी. इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 175 से ज्यादा लोग झुलस गए. हादसे के बाद कई सवाल फैक्ट्री को लेकर उठ रहे हैं कि अनफिट होने के बाद भी फैक्ट्री कैसे चलती रही फैक्ट्री? आखिर इस हादसे का गुनाहगार कौन है?
हरदा में मौत का मंजर है, आंसू हैं, गम है तो गुस्सा भी है. यहां कई लोगों ने अपनों को खोया है तो कई जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. उन्हें नहीं पता कि उनका क्या कसूर है. किसने उनकी जिंदगी तबाह कर दी. आखिर हरदा का गुनहगार कौन है?
हरदा बारूद (gunpowder) का शहर है. घर-घर में बारूद था. घर-घर में फैक्ट्री है. आखिर रिहायशी इलाकों फैक्ट्री की इजाजत किसने दी? फैक्ट्री मालिक तो गिरफ्तार हो गए, लेकिन अब भी कई सवाल हैं. हरदा की पटाखा फैक्ट्री में धमाकों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, 184 लोग घायल हुए हैं. घायलों में 40 की हालत गंभीर है. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव आज हरदा जाकर हालात का जायजा लेंगे.
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट इतना भीषण था कि पूरा इलाका खाक हो गया. इस घटना ने एक बार रिहायशी इलाकों में पटाखा फैक्ट्री स्थापित होने पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बैरागढ़ इलाके में आसपास के घरों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है. इस इलाके में छतों पर अवैध तरीकों से पटाखे बनाए जाते हैं.
इस घटना का जो वीडियो सामने आया है, वो बेहद डरावना है. इसमें धमाके के बाद आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिखाई दे रही हैं. लोग इधर से इधर भागते हुए दिख रहे हैं.
फैक्ट्री में पहले भी हादसे हो चुके हैं और मजदूर मारे गए थे. आजतक से बातचीत में एसडीएम नागार्जुन गौड़ा ने बताया कि फैक्ट्री का लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था. इसके बाद भी फैक्ट्री में अतिरिक्त स्टॉक रखा जाता था और इसकी वजह से दोबारा लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
पटाखा फैक्ट्री संचालन के लिए अनफिट थी. नियमों के उल्लंघन को लेकर फैक्ट्री को सील कर दिया गया था, लेकिन मामला कोर्ट में चल रहा था. मालिकों ने फैक्ट्री में काम चालू रखा. रिहायशी इलाके में स्थित फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में बारूद और पटाखे का स्टॉक था.
कितने मजदूर फैक्ट्री में थे, स्पष्ट नहीं
घटना के समय कितने मजदूर फैक्ट्री में थे, यह स्पष्ट नहीं है. बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में पहले छोटा धमाका हुआ. यहां काम कर रहे कुछ मजदूर धमाके की आवाज सुन वहां से भागने कोशिश की और कुछ मजदूर बच निकले. हालांकि, इतनी ही देर में पूरी फैक्ट्री धमाके की चपेट में आ गई और एक के बाद एक कई ब्लास्ट हुए.
रिहायशी इलाके में होने के चलते फैक्ट्री के आसपास दर्जनों घर थे, जो इस हादसे की भेंट चढ़ गए. घटनास्थल के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी घर बने थे, उसमें लोग रह रहे थे. हादसे के वक्त घर में रह रही एक प्रमिला चौहान नाम की महिला की मौत हो गई.
तीन साल पहले भी हुआ था धमाका, 3 की हुई थी मौत
फैक्ट्री में तीन साल पहले भी धमाका हुआ था. जिसमें तीन मजदूर मारे गए थे. इसके बाद फैक्ट्री पर एक्शन हुआ था. पहले हादसे की वजह से फैक्ट्री के मालिक जेल भी जा चुके हैं. जेल से रिहाई मिलने के बाद भी उन्होंने फैक्ट्री में काम चालू रखा और आज हादसा हो गया. करीब 20 साल से यहां फैक्ट्री चल रही थी और यहां काम करने वाले लोगों ने भी आसपास अपना घर बना लिया था.
मृतकों के परिजनों को मिलेगा 4-4 लाख का मुआवजा
आजतक से बात करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. गंभीर रूप से घायल लोगों को इलाज के लिए भोपाल, इंदौर में भर्ती कराया गया है. मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी सरकार उठाएगी. दोबारा ऐसी कोई घटना न हो, इसको लेकर सरकार कठोर कार्रवाई करेगी. 
साभार आजतक 

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