रेलवे स्टेशन इंदौर पर असंरक्षित बालिका की तत्परता से सहायता कर मानवता का परिचय दिया गया

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रिपोर्ट अनिल चौधरी
इंदौर। महिला एवं बाल सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध जीआरपी इंदौर की सतर्क महिला आरक्षकों ने एक बार फिर अपनी कर्तव्यनिष्ठा और संवेदनशीलता का उत्कृष्ट परिचय दिया है।
दिनांक 17.04.2025 को रात्रि ड्यूटी के दौरान समय प्लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 पर तैनात महिला प्रधान आरक्षक 229 हीरू रावत एवं महिला आरक्षक दीपिका सोलंकी द्वारा एक नाबालिग बालिका को अकेले बैठे हुए देखा गया। तत्काल सक्रियता दिखाते हुए दोनों महिला आरक्षकों ने बालिका से स्नेहपूर्वक पूछताछ की। पूछताछ पर बालिका ने अपना नाम गुड़िया कुमारी (परिवर्तित नाम), उम्र 17 वर्ष, निवासी झारखंड बताया।
जब इंदौर आने का कारण पूछा गया, तो बालिका ने बताया कि वह इंदौर में अपनी सहेलियों के साथ एक रूम पर रहती है और कुछ पारिवारिक कारणों से बिना बताए रेलवे स्टेशन आ गई थी। बालिका को असुरक्षित स्थिति में देखकर उसे तुरंत जीआरपी थाना इंदौर लाया गया।
थाने में बालिका से संवेदनशीलता के साथ पूछताछ की गई। पहले तो वह गुमराह करती रही, लेकिन विश्वास में लेने के पश्चात उसने अपने पिताजी का संपर्क नंबर साझा किया। तत्काल उसके पिता से संपर्क कर बालिका की स्थिति से अवगत कराया गया।
परिजनों के आने में समय लगने की स्थिति में बालिका का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और उसे जीवन ज्योति संस्था में सुरक्षित रूप से रखा गया, जिससे उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
महिला आरक्षकों द्वारा दिखाई गई सतर्कता, मानवीय संवेदना एवं कर्तव्यनिष्ठा निश्चित ही सराहना के योग्य है। रेलवे पुलिस बल हमेशा यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्पर है और इस घटना में हमारे अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है।

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