खाली एम्बुलेंस घायल को अस्पताल न ले जाए तो हो कार्रवाई: इरशाद खान

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प्रेस क्लब ने कलेक्टर के माध्यम से सीएम को भेजा पत्र
संदीप वाईकर बैतूल
बैतूल। सड़क हादसों के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर एम्बुलेंस की संवेदनहीनता पर सवाल उठे हैं। आमजन की इस गंभीर समस्या को उठाते हुए प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट संगठन बैतूल ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन बैतूल कलेक्टर को सौंपा है। संगठन के जिला अध्यक्ष इरशाद खान ने बताया कि वर्तमान समय में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन कई बार दुर्घटना स्थल से कोई शासकीय या अनुबंधित एम्बुलेंस वाहन बिना मरीज के खाली होकर गुजर जाता है। जब वहां मौजूद लोग एम्बुलेंस को घायल को अस्पताल ले जाने के लिए रोकते हैं, तब भी एम्बुलेंस चालक इंकार कर देता है। इस लापरवाही का नतीजा कई बार घायल की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत के रूप में सामने आता है।
प्रदेश स्तर पर प्रभावी आदेश जारी करने की मांग
इरशाद खान ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि यदि कोई एम्बुलेंस वाहन दुर्घटना स्थल के पास से गुजर रहा हो और उसमें कोई मरीज न हो, तो उसे नजदीकी अस्पताल या जिला चिकित्सालय तक घायल व्यक्ति को पहुंचाने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक स्पष्ट और प्रभावी आदेश जारी होना चाहिए। यह निर्देश जनहित में आवश्यक है, प्रशासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही का भी परिचायक होगा। यदि ऐसा निर्देश जारी होता है तो यह एम्बुलेंस सेवा के दायरे और प्रभाव को भी बढ़ाएगा।
एक आदेश से बच सकती है अनगिनत जिंदगियां 
प्रेस क्लब का मानना है कि सार्वजनिक दुर्घटनाओं की स्थिति में एम्बुलेंस सेवा का अनिवार्य उपयोग अनगिनत जिंदगियां बचा सकता है। इस हेतु मुख्यमंत्री के स्तर से सख्त दिशा-निर्देश जारी कर सभी शासकीय और अनुबंधित एम्बुलेंस को यह बाध्य किया जाना चाहिए कि यदि वे किसी सड़क दुर्घटना के पास से गुजरें और उनके वाहन में कोई मरीज न हो, तो घायल व्यक्ति को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल अस्पताल ले जाया जाए।
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट संगठन बैतूल ने मुख्यमंत्री से सकारात्मक हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इस मानवीय संकट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा सके और संवेदनशील एम्बुलेंस व्यवस्था की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा सकें।

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