ब्लाक की नदियों मे अवैध उतखनन और खुलेआम बिना रायलटी हो रहा परिवहन

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आमला।   विकासखंड में बीच का जम्बाड़ा बोरदेही ,बारछी छावल देवगांव कोंडरखापा गुब्बड़ घाट क्षेत्र में अवैध रेत का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां रेत की कोई भी खदान लीज पर नहीं है फिर भी रेत की चोरी बेखौफ हो रही है। शासन-प्रशासन, खनिज, वन विभाग लाख सफाई दे ,कार्रवाई की बात करें लेकिन आज भी वर्षों से स्थानीय कुछ लोग अवैध रेत के कारोबार में निरंतर लगे हुए हैं उनके इस कारोबार पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। और यही कारण है कि इनके कारोबार पर आज तक ना तो रुकावट आई और ना ही इन्हें कानून का भय है।
पंजीयन नहीं फिर भी खुलेआम से हो रहा रेत का परिवहन
खनिज संपदा को परिवहन के लिए वाहनों का खनिज विभाग में पंजीयन आवश्यक होता है। आमला विकासखंड में किसी भी वाहन का पंजीयन रेत, मुरुम और गिट्टी सहित अन्य खनिज परिवहन का एक भी नहीं है फिर भी पूरे क्षेत्र में सेकड़ो ट्रैक्टर रेत, गिट्टी, मुरुम आदि खनिज संपदा का परिवहन नियम विरुद्ध हो रहा है। यह वाहन कृषि कार्य को छोडकऱ व्यवसायिक कार्य में कैसे लगे हैं, इसको चेक करने की भी अधिकारियों को फुर्सत नहीं हैं।
रेत के लिए छलनी कर डाले जलीय जीवों के रहवास
क्षेत्र में रेत माफिया पर अंकुश नहीं लग पा रहा। अंधाधुंध तरीके से अवैध उत्खनन कर रहे माफिया ने बेल नदी किनारों को छलनी कर रखा है। जेसीबी व लेवरो से दिनदहाड़े अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इसका सबसे बुरा असर जलीयजीवों के घरोंदों
पर हो रहा है। बेल नदी में जहां-जहां अवैध उत्खनन हो रहा है, वहां-वहां से जलीयजीव पलायन कर चुके हैं। माफिया ने नदी के किनारों को खोद-खोदकर छलनी कर दिया है, जिससे बेल का आमला से तिरमहू जम्बाड़ा देवगांव बरछी खेड़लीबाजार मोरखा  का पूरा स्वरूप ही बिगड गया है।
किनारों से लेकर खेतो तक में अवैध रेत के स्टाक
रेत माफियाओ ने बेल नदी के किनारों से लेकर ग्रामीण बस्तियों खेतो में अवैध रेत के स्टाक कर रखे हैं। बेल नदी किनारों पर ही रेत माफियाओं ने छोटे-छोटे टीले बनाकर रेत का स्टाक कर रखा है। ग्रामो मे सेकड़ो ट्राली रेत का स्टाक रखा हुआ है। बारिश के सीजन में जब बेल नदी उफान पर होती है, तब रेत माफिया स्टाक किए गए रेत को महंगे दामों में खपाते हैं।
रेत माफियाओ के सूचना तंत्र मजबूत
अवैध उत्खनन के लगातार बढऩे और विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई के अभाव में रेत माफियाओं अपने काम में सफल हो रहे हैं। विभाग के अधिकारी जब कार्रवाई के लिए निकलते हैं तो खनन माफियाओं को इसकी जानकारी मिल जाती है, जिसमें उस दिन खनन माफिया रेत की निकासी बंद रखते हैं। दूसरी ओर यदि यदा कदा विभागीय अधिकारी निरीक्षण के लिए क्षेत्र में तो जाते हैं, लेकिन जहां अवैध खनन होता है, वहां वे पहुंच नहीं पाते। ऐसे में खनन माफिया फायदा उठाकर धडल्ले से खनन कर रहे हैं और विभाग द्वारा अवैध खनन करने वालों के ऊपर सख्त कार्रवाई न करना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
कहना कहना है 
खनीज निरीक्षक मनीष प्लेवार ने बताया शीघ्र ही आमला ब्लाक मे हो रहे रेत उतखनन व भंडारण की जानकारी लेकर वे स्वय ही कार्यवाही करेंगे।

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