मणिपुर में ढाई साल के मासूम को चेहरे पर मारी गोलियां, चाकू से गोदा; पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
इंफाल। हिंसाग्रस्त मणिपुर के जिरिबाम जिले में अपहरण किए छह लोगों को बड़ी नृशंसता से मारा गया था। उग्रवादियों में किस कदर हैवानियत भरी थी इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि ढाई साल के बच्चे को चेहरे पर गोलियां मारकर मौत के घाट उतारा था। यही नहीं उसके सीने और हाथ को चाकू से गोदा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने के बाद यह खुलासा हुआ है।
बच्चे का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक भी शव की हालत देखकर सिहर गए थे। जब चेहरे पर गोलियां मारने से हमलवरों का जी नहीं भरा तो उसके पूरे शरीर पर हमला किया। उसकी दाहिनी आंख भी गायब मिली है। रविवार को छह में तीन लोगों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आई है। महिला लेशराम हेइतोम्बी देवी (25) को उसके सीने के पीछे तीन बार गोली मारी गई थी। चौथी गोली पीछे मारी गई थी। गोलियों से उसके दिल, फेफड़े और पसलियां कट गईं जिससे उसकी मौत हो गई। युरेम्बम रानी देवी (68) को पांच गोलियां लगीं एक सिर में, दो छाती में, एक पेट में और एक बांह में। अभी अन्य लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
मणिपुर सरकार ने कहा है कि योजनाबद्ध अपहरण और हत्याएं कुकी उग्रवादियों द्वारा की गईं। मामले की जांच एनआईए कर रही है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को जिरिबाम के बोरोबेकरा इलाके में राहत शिविरों से कुकी उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के छह लोगों को अगवा कर लिया था। उनके शव जिरिबाम में जिरी नदी और असम के कछार में बराक नदी में पाए गए थे। इसके बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोगों और संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
साभार अमर उजाला