भव्य मंगल प्रवेश जुलूस में समग्र दिगंबर जैन समाज, गुरू भक्त परिवार व किन्नर समाज ने दिगंबर जैन परंपरा के 388 संतों व आर्यिका की अगवानी

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ब्यूरो चीफ अनिल चौधरी
इंदौर। रविवार का दिन इन्दौर के इतिहास में ऐतिहासिक क्षण बन गया। महावीर बाग से सुमतिधाम तक निकले इस भव्य मंगल प्रवेश जुलूस में समग्र दिगंबर जैन समाज, गुरू भक्त परिवार व किन्नर समाज ने दिगंबर जैन परंपरा के 388 संतों व आर्यिका की अगवानी की। पश्चिमी क्षेत्र में निकलने इस मंगल प्रवेश जुलूस में जहां गुरूवर के जयकारे गूंजते रहे तो वहीं किन्नर समाज ने भी संतों की अगवानी कर इस महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया। 
सुबह 6 बजे महावीर बाग से जैसे ही संतों का प्रवेश जुलूस निकला तो हर कोई इस क्षण को निहारता रह गया। आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महोत्सव में पहली बार ऐसा मौका था जिसमें 388 संतों का महामिलन भी हुआ। संतों के इस महामिलन का साक्षी समग्र दिगंबर जैन समाज सहित गुरू भक्त परिवार बना। गुरू भक्तों ने आचार्यश्री की अगवानी  की एवं इस दौरान पूरे मार्ग में गुरूदेव के जयकारे भी गूंजते रहे। दिगंबर जैन समाज के इतिहास में ऐसा मंगल प्रवेश जुलूस पहली बार निकला जहां 12 आचार्य,  8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माता जी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एक साथ मौजूद थे। श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार एवं मनीष-सपना गोधा ने बताया कि महावीर बाग से मंगल जुलूस की शुरूआत की गई। शोभायात्रा के दौरान समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं के साथ ही अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी संतों की अगवानी मंच से की। इस दौरान तोपों से भी अगवानी की गई एवं मार्गों पर रंगोली सजाई गई। पश्चिमी क्षेत्र में निकले इस प्रवेश जुलूस समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं का जन सैलाब उमड़ा। प्रवेश जुलूस के दौरान भक्त अपने गुरू की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे। जुलूस के अग्र भाग में 12 अश्व, 4 ऊंट, 2 हाथी, 16 बग्घि, 5 विनटेज कार, बैंड़-बाजे, कलश धारी महिलाएं, अष्ट मंगल के साथ ही नासिक के ढोल अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आए। यात्रा में यातायात बाधित न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। महावीर बाग से सुमतिधाम 7 किलोमीटर के इस मार्ग में 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर आचार्यश्री, उपाध्याय गणधर , प्रवर्तक, मुनि, आर्यिका गणिनी, ऐलक, क्षुल्लक महाराज की अगवानी गुरू भक्त परिवारों द्वारा की गई। महावीर बाग से प्रारंभ हुआ मंगल प्रवेश जुलूस एरोड्रम रोड़, कालानी नगर, एयरपोर्ट, गाधी नगर होते हुए सुमतिधाम पहुंचा। जहां आचार्यश्री के सान्निध्य में देशना मंडप का लोकार्पण हुआ। वहीं इसके पश्चात मनीष-सपना गोधा ने विधानाचार्य धर्मचन्द्र शास्त्री, चन्द्रकांत ईंडी, नीतिन झांझरी के निर्देशन में आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज को श्रीफल के साथ ही शास्त्र भी भेंट किए। आचार्यश्री के पाद-पक्षालन का सौभाग्य विमलचंद छाबड़ा, विकास-सारिका छाबड़ा (गांधी नगर) परिवार को मिला। वहीं समस्त ग्यारह आचार्यों का पाद-पक्षालन गोधा परिवार व सुमतिधाम धाम गुरू भक्त परिवारों ने किया।  शुभ आयोजनों पर नेंग लेने के लिए आने वाले किन्नर समाज  आज गुरुओ से आशीर्वाद लेते नजर आए। पीले परिधानों में गहनों से सजे किन्नर भगवान जिन शासन देव के जयकारे भी लगा रहे थे। किन्नरो ने बताया कि जैन मुनियों के तप और त्याग से सभी धर्मों की तरह किन्नर समाज भी प्रभावित है। आज वे नेंग लेने नही बल्कि आशीर्वाद लेने आए है ताकि उनका भी अगला जन्म सुधर जाय और परभव  में वे भी अपना उद्धार कर सके। आयोजन में किन्नर समाज को देख जैन धर्मावलंबी भी उत्साहित हो उठे। आचार्य श्री की अगवानी कर लगभग दो दर्जन से ज्यादा किन्नरों ने आशीर्वाद लिया।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस मौके पर सुमति धाम पहुंचे। उन्होंने संतों से आशीर्वाद भी लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिगंबर परंपरा अद्भुत है, मेडिकल साइंस भी इस पर अचंभित है। दिगंबर संतों के आशीर्वाद के लिए तो देवता भी तरसते हैं। मध्यप्रदेश शासन के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सुमतिधाम तक आचार्य संघ के साथ व्यवस्था  बनाते हुए चले। विशाल जन समुदाय को भावभरा उद्बोधन देते हुए उन्होंंने कहा कि इन्दौर की धरा आज धन्य हो गई। इंदौर में जैन समाज के समाजसेवी राहुल जैन स्पोर्ट्स वर्ल्ड ने श्रेष्ठ आयोजन को लेकर समस्त आयोजकों को बधाई दी.. और इतने बड़े संत समागम को ऐतिहासिक बताया।

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