पन्नू की हत्या की साजिश पर अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट से भड़क गया भारत, दिया करारा जवाब
नई दिल्ली। अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारियों का हाथ था। इसके अलावा कनाडा में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या भारतीय एजेंट्स ने की थी। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में ये दावे किए गए हैं। इस पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी है और इसे आधारहीन एवं गलत करार दिया है। भारत का कहना है कि ऐसे गंभीर मामले में यह बेहद हल्की और आधारहीन रिपोर्ट पब्लिश हुई है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सीआरपीएफ के एक पूर्व अधिकारी के जरिए इस पूरी साजिश को अंजाम दिया गया था।
इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का बयान आया है। उनका कहना है कि इस रिपोर्ट में गैर-वाजिब बातें की गई हैं और उसका कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से पहले ही इस बारे में बात की गई थी और हमने उस पर एक जांच कमेटी गठित की है। हमने अमेरिका के उन इनपुट्स को भी लिया है, जिसमें उसने कुछ आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार की ओर से गठित हाई लेवल कमेटी जांच कर रही है। उसने अमेरिका की ओर से दिए सारे इनपुट्स को संज्ञान में लिया है और उनकी सत्यता की जांच हो रही है। ऐसे में इस बीच बेवजह के कयास लगाने और गैरजिम्मेदारीपूर्ण बयान देना ठीक नहीं होगा।'
अमेरिका की मैनहट्टन कोर्ट में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों को लेकर एक मुकदमा भी चल रहा है। इसके तहत भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए गए हैं कि उसके आदेश पर ही हत्या की साजिश रची गई थी। फिलहाल निखिल गुप्ता चेक रिपब्लिक की जेल में है। वहां के कानून मंत्री अमेरिका की ओर से दाखिल की गई प्रत्यर्पण की अर्जी की जांच कर रहे हैं। यदि अर्जी मंजूर होती है तो फिर निखिल गुप्ता को अमेरिका को सौंपा जा सकता है। वहीं भारत सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय एजेंट्स का हाथ होने की बातें गलत हैं। यदि ऐसा कुछ है तो ठोस सबूत दिखाए जाएं।
साभार लाइव हिन्दुस्तान