यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के राजनयिक प्रयासों के समर्थन के लिए भारत तैयार

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न्यूयॉर्क। भारत ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन जंग के जल्द से जल्द समाप्ति और इलाके में शांति बहाली को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'यह युद्ध का युग नहीं है' वाले रुख को भी दोहराया। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, 'भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है। हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है। युद्ध के मैदान में इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। भारत ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है, चाहे यह रास्ता कितना भी जटिल या दुर्गम क्यों न लगे।'
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के बयान से कुछ घंटे पहले पीएम मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और वॉन डेर लेयेन से बात की थी। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'आपसी हितों के मुद्दों और यूक्रेन में संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।' इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से बात की और द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की थी।
पीएम मोदी ने इस हफ्ते की शुरुआत में चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया था। पिछले हफ्ते पीएम मोदी और जेलेंस्की ने फोन पर बात की थी और चल रहे संघर्ष, उसके मानवीय पहलू और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया था।
साभार अमर उजाला

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