भारत ने चिनाब नदी का पानी रोका, मंत्री बोले- पाकिस्तान को एक भी बूंद नहीं जाने देंगे

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श्रीनगर। भारत ने 24 अप्रैल को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया। इस निर्णय के तहत, भारत ने चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर जाने से रोक दिया है, जिसका असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में देखा जा रहा है। वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाए।
24 अप्रैल को, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की। इस संधि के तहत, भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों, जैसे चिनाब, झेलम, और सतलुज, के पानी का बंटवारा होता है। संधि के अनुसार, चिनाब और अन्य पश्चिमी नदियों का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान को जाता है, जबकि भारत को सीमित उपयोग का अधिकार है। हालांकि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत को यह कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया। सरकार का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवाद को समर्थन और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ के कारण यह संधि अब भारत के हितों के खिलाफ है।
चिनाब नदी पर बने बगलिहार जलविद्युत परियोजना के जरिए भारत ने नदी के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। इस कदम के बाद, पाकिस्तान के सियालकोट, पंजाब में स्थित मारला हेडवर्क्स के स्थानीय लोगों ने बताया कि चिनाब नदी में पानी का स्तर काफी कम हो गया है। चिनाब नदी पाकिस्तान के कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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