भारत अब खुद बनाएगा 'एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम'

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नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़े प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत अगली पीढ़ी के 'एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम' यानी AWACS बनाएगा। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। साथ ही, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास ऐसी तकनीक है। यह प्रोजेक्ट लगभग 20,000 करोड़ रुपये का है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। इसके तहत भारतीय वायुसेना को छह बड़े AWACS मिलेंगे।
भारत अब स्वदेशी AWACS बनाएगा। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास यह तकनीक है। ये सिस्टम दुश्मन के विमानों और अन्य उपकरणों पर दूर से ही नजर रख सकेगा। यह एक उड़ता हुआ कंट्रोल सेंटर जैसा होगा। सरकार की मंजूरी के बाद, DRDO भारतीय कंपनियों और एयरबस के साथ मिलकर काम करेगा। वे A321 विमान पर एक खास एंटीना और अन्य सिस्टम लगाएंगे।
IAF के पास पहले से ही एयर इंडिया से लिए गए छह A321 विमान हैं। इन विमानों में बदलाव किए जाएंगे। इनके ऊपर एक 'डॉर्सल फिन' लगाया जाएगा। इससे रडार चारों तरफ देख सकेगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग तीन साल लगेंगे। इससे भारतीय कंपनियों को जटिल सिस्टम पर काम करने का अनुभव मिलेगा। इसमें पूरी तरह से स्वदेशी मिशन कंट्रोल सिस्टम और AESA रडार होंगे। AWACS इंडिया प्रोग्राम को 'नेत्र MkII' भी कहा जाता है। DRDO को पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का प्रोटोटाइप बनाने की भी मंजूरी मिली है।
साभार नवभारत टाइम्स 

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