रत्नत्रयवर्धिनी ग्रीष्म कालीन वाचना हेतु कलश की हुई स्थापना

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आशीष शर्मा 
सनावद। जैसा की सभी को ज्ञात हे की वात्सल्य वारिधि  आचार्य रत्न श्री वर्धमान सागर जी महाराज सहित अठारह त्यागियों की नगरी सनावद में साधुओं का आना निरन्तर जारी हे इसी क्रम में परम पूज्य उच्चारणाचार्य 108 श्री विनम्रसागर जी महाराज भक्तामर वाले बाबा (17 पिच्छि) ससंघ का अल्प प्रवास सनावद में हो रहा हे  इसी ताराम्य में आज प्रातः श्री पार्श्वनाथ मंदिर एवं सुपार्श्वनाथ मंदिर में  आचार्य संघ के सानिध्य में श्रीजी का अभिषेक शांति धारा संपन्न कराई गई तत्पश्चात परम पूज्य विनम्र सागर जी महाराज ससंघ के द्वारा आज ग्रीष्म काल में वाचना हेतुअल्प प्रवास हेतु आज आचार्य शान्तिसागर वर्धमान देशना संत निलय में प्रातः रत्नत्रयवर्धिनी ग्रीष्म कालीन वाचना हेतु कलश की स्थापना की गई। 
समाज प्रवक्ता सन्मति जैन काका ने बताया की इस रत्नत्रयवर्धिनी ग्रीष्म कालीन वाचना हेतु कलश स्थापित करने का शौभाग्य पवन कुमार भाई विनीश कुमार गोधा परिवार सनावद को प्राप्त हुआ। इस कलश को आचार्य श्री ने अपने हाथों से अभिमंत्रित कर स्थापना कराई। इसी क्रम में आचार्य श्री की आहार चर्या संपन्न हुई।प्रशांत जैन ने बताया की प्रतिदिन आचार्य श्री के सानिध्य में प्रातः श्रीजी का अभिषेक शांति धारा प्रातः 8.30 बजे से आचार्य श्री मंगल देशना प्रातः 10.00 बजे से आचार्य संघ की आहार चर्या  दोपहर में 3.00 बजे से तत्व चर्चा  शाम 6.30 बजे से आचार्य भक्ति आरती शाम 7.00 बजे से आर्यिका माताजी द्वारा सामायिक पाठ क्लास ली जायेगी।मुनि त्यागी समिति अध्यक्ष मुकेश जैन सभीनसमाज जनों ने समस्त कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिती दर्ज करवाने के लिए निवेदन किया हे।इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित थे।

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