स्वतंत्रता दिवस पर लोकतंत्र का अपमान – दलित महिला सरपंच को जमीन पर बैठाया, झंडा फहराने से भी रोका”

  • Share on :

 ऊँची जाति के दबंगों पर आरोप, संविधान और दलित अधिकारों का खुला उल्लंघन

इंदौर। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर जहां पूरा देश आज़ादी के अमर बलिदानियों को नमन कर रहा था, वहीं इंदौर ज़िले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के रामपीपल्या गाँव से लोकतंत्र और समानता की भावना को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई।

गाँव की निर्वाचित दलित महिला सरपंच को 15 अगस्त के ध्वजारोहण कार्यक्रम में न केवल कुर्सी पर बैठने से रोका गया, बल्कि उन्हें झंडा फहराने का संवैधानिक अधिकार भी नहीं दिया गया।

 

 घटना का विवरण

स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में जब महिला सरपंच पहुँचीं तो ऊँची जाति के प्रभावशाली लोगों ने उन्हें मंच पर बैठने नहीं दिया।

सरपंच को मजबूर होकर जमीन पर बैठना पड़ा।

झंडा फहराने का कार्य, जो कि निर्वाचित सरपंच का अधिकार है, उनसे छीनकर दूसरों को सौंप दिया गया।

यह दृश्य वहाँ मौजूद ग्रामीणों और मेहमानों के सामने हुआ, जिससे पूरे गाँव में नाराज़गी और अपमान का माहौल फैल गया।

 

कानूनी पहलू

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 17 (अस्पृश्यता का उन्मूलन) इस तरह के भेदभाव को अपराध मानता है।

इसके अलावा यह मामला अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आता है, जिसके तहत दोषियों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा सकती है।

चुनी हुई प्रतिनिधि को झंडा फहराने से रोकना लोकतांत्रिक व्यवस्था और पंचायती राज अधिनियम का भी उल्लंघन है।

 

 जनता और सामाजिक संगठनों का आक्रोश

घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया।

दलित संगठनों ने आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की माँग की है।

लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक महिला सरपंच का अपमान नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज की गरिमा पर चोट है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह का अन्याय होते हुए उन्होंने तुरंत दखल क्यों नहीं दिया।

 

 निष्कर्ष

रामपीपल्या की यह घटना आज़ादी के 79 साल बाद भी इस सवाल को उठाती है कि क्या सच में हर नागरिक को बराबरी का अधिकार मिला है?
यदि चुनी हुई महिला सरपंच को भी उसका संवैधानिक हक़ नहीं मिलता तो गाँव–गाँव तक लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की जड़ें कैसे मजबूत होंगी?

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper