इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में कविता लिखने की तैयारी में,  गगनयान मिशन में होगा मददगार

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नई दिल्ली। भारत पहली बार एक स्वदेशी रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष में जैविक प्रयोग कर रहा है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के अगले प्रक्षेपण में एक नहीं, बल्कि तीन जैविक प्रयोग किए जाएंगे। इनमें जीवित कोशिकाओं को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। अंतरिक्ष के बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल में इन चीजों को जिंदा रखना एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। जिन जैविक सामानों को पीएसएलवी के जरिए भेजा जाएगा, उनमें पालक, लोबिया और गट बैक्टीरिया जैसी चीजें शामिल हैं। इसरो ने इसे पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पोएम -4) नाम दिया है। इस तरह कहा जा सकता है कि इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में एक कविता लिखने की तैयारी में है। बताया जाता है कि इसरो का यह प्रयोग गगनयान मिशन में भी मददगार होगा।
साभार लाइव हिन्दुस्तान 

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