मुंबई में Parle-G कंपनी के कई स्‍थानों पर IT की रेड, सुबह से चल रही जांच

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प्रवेश सिंह मुंबई 

मुंबई में पारले ग्रुप पर इनकम टैक्‍स विभाग ने छापेमारी की है. पारले ग्रुप Parle-G, मोनाको और अन्‍य ब्रांड नेम से बिस्‍कुट बेचने वाली फर्म है. मुंबई में कंपनी के कई स्‍थानों पर छापेमारी की जा रही है, जो सुबह से ही चल रही है. आयकर विभाग की फॉरेन असेट यूनिट और मुंबई की इनकम टैक्‍स इन्‍वेस्टिगेशन विंग की ओर से सर्च किया जा रहा है. 

हालांकि यह सर्च क्‍यों हो रहा है? इसकी वजह सामने नहीं आ पाई है. छापेमारी पूरी होने के बाद इसके पीछे के कारणों का खुलासा हो सकता है. फिलहाल इनकम टैक्‍स विभाग कंपनी के दस्‍तावेज खंगालने में जुटा हुआ है. 

कब हुई थी कंपनी की शुरुआत?

पारले की शुरुआत की बात करें, तो इसे देश को आजादी मिलने से पहले साल 1929 में हुई थी. 90 के दशक के बच्चों को तो अपना वह दौर भी याद होगा, जब चाय के साथ पारले-जी का कॉम्बिनेशन सबसे ज्यादा फेमस हुआ करता था. रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि कंपनी ने पारले नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से लिया है.  

पारले ने पहली बार 1938 में पारले-ग्‍लूको  नाम से बिस्कुट का प्रोडक्शन शुरू किया था. आजादी से पहले पारले-जी (Parle-G) का नाम ग्लूको बिस्किट  ही हुआ करता था. लेकिन, आजादी के बाद ग्लूको बिस्किट का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था. देश में उस समय अन्न संकट इसकी बड़ी वजह थी, क्योंकि इस बिस्कुट को बनाने के लिए गेंहू का इस्तेमाल किया जाता था. जब ये बड़ा संकट कम हुआ, तो कंपनी ने इसका प्रोडक्शन फिर शुरू कर दिया, लेकिन तब तक इस सेक्टर में कॉम्पिटीशन काफी बढ़ गया था और तमाम कंपनियों की मार्केट में एंट्री हो चुकी थी. खासकर ब्रिटानिया ने ग्लूकोज-डी बिस्किट से अपनी धमक जमा ली थी.

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