जैन समाज द्वारा रविवार को तिलक नगर स्थित तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर से पदयात्रा निकाली
ब्यूरो चीफ अनिल चौधरी
इंदौर। जैन समाज के इतिहास में पहली बार रविवार को तिलक नगर स्थित तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर से स्कूली नन्हे मुन्ने बच्चों ने अपने दादा- दादी, नाना-नानी, चाचा चाची एवं अन्य परिजनों के साथ सज धज कर पदयात्रा निकाली जिसमें जैनाचार्य परम पूज्य नयचंद्र सागर महाराज साहब एवं गणिवर्य अजीतचंद्र सागर महाराज साहब सहित शहर में विराजित 20 से अधिक साधु साध्वी भगवंतो ने भी शामिल होकर बच्चों को श्रेष्ठ संस्कारों से जोड़ने, दीपोत्सव के महापर्व की खुशियों को अपने आसपास की झुग्गी-बस्तियों और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचने, मोबाइल का कम से कम उपयोग करने और अपनी पॉकेट मनी से मायूस चेहरों की खुशियां लौटाने जैसे संकल्प दिलाए।
आदेश्वर जैन मंदिर पर नन्ही बालिकाओं का दूध-पानी एवं गुलाब जल के मिश्रण से पाद प्रक्षालन का दृश्य मन को छू लेने वाला था। पदयात्रा तिलक नगर मेनरोड से पीपली बाजार पहुंची, जहां सभी जैन श्रीसंघों की ओर से बच्चों एवं यात्रा आयोजकों का स्वागत किया गया। पदयात्रा में शामिल बच्चे साफा बांधे, सूट-बूट पहनकर विंटेज कार ,बग्घी, रथों एवं खुले वाहनो पर प्रसन्नचित्त मुद्रा में नजर आ रहे थे। यात्रा के साथ मुंबई का बैंड दल, जैन डीजे, स्थानीय बैंड, कार्टून कैरेक्टर्स सहित पांच तीर्थ स्थलों की चलित झांकियां भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। मार्ग में बच्चों एवं पदयात्रियों ने रवींद्र नगर में नागेश्वर पार्श्वनाथ , गायत्री शक्तिपीठ, अपोलो टावर पलासिया पर जीरावाला पार्श्वनाथ मंदिर, रीगल चौराहा पर नाकोड़ा पार्श्वनाथ , एमजी रोड पर अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर एवं राजबाड़ा पर शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर के दर्शन भी किए। यात्रा संयोजक सोनल कोठारी, साधना जैन, विकास जैन एवं शिल्पा जैन पूरे समय यात्रा के साथ चले और मार्गदर्शन करते रहे। सभी समूहों के लिए संघपति बनाए गए थे, जिन्हें बच्चों का मार्गदर्शन करने का जिम्मा सौंपा गया था। पीपली बाजार से खजूरी बाजार होते हुए पदयात्रा इमली बाजार स्थित महावीर भवन पहुंची, जहां संतों की निश्रा में सभी बच्चों और यात्रा में शामिल लोगों को नवकारसी के बाद उपहार भी भेंट किए गए और संघपतियों का सम्मान भी किया गया। संतों ने अपने आशीर्वचन में बच्चों को श्रेष्ठ संस्कारों से जुड़कर समाज और देश की प्रगति को आगे बढ़ने के संकल्प दिलाए। बाल संघपति श्रीयान, विशिका, राघव, आर्यमन, जान्हवी तथा उनके परिजनो जयंतीलाल, विकास-शिल्पा जैन, स्नेहा, नेहा एवं अन्य सहयोगी बंधुओं का भी बहुमान किया गया। जैनाचार्य परम पूज्य विश्वरत्न सागर महाराज साहब की ओर से गणिवर्य कीर्तिरत्न सागर महाराज साहब ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज यह यात्रा धर्म, आनंद और उत्साह का संगम है, जिससे बच्चों में भक्ति अनुशासन और संयम जैसे संस्कारों का रोपण होगा। गणिवर्य अजीत चंद्र सागर म.सा. ने कहा कि आज की पदयात्रा का प्रत्येक कदम अहिंसा, करुणा और संयम की परंपरा को आगे बढ़ाएगा, जो जैन धर्म के मूल में अखंड ज्योत की तरह प्रज्वलित है। इस अवसर पर समाजसेवी देवेंद्र जवेरी, दिलीप भाई शाह, अक्षय सुराना, दिलीप मंडोवरा, विकास जैन सहित इस अनूठे आयोजन के सभी सहयोगी बंधुओं का भी बहुमन किया गया।

