जीजस का गुण क्षमादान, आत्मसाक्षात्कार प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

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जब यीशु का जन्म हुआ तब माँ मरियम कुंआरी थीं। मरियम जोसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। मरियम के गर्भवती होने का पता चलने पर जोसेफ के मन‌ में मारिया पर अविश्वास जागा था लेकिन स्वप्न में ईश्वर ने जोसेफ को बताया कि मरियम पवित्र हैं और वे ईश्वर के पुत्र को जन्म देने वाली है।  जब ईसा मसीह का जन्म हुआ उस वक्त परियों ने वहां आकर उन्हें मसीहा कहा और ग्वालों का एक दल उनके सामने  प्रार्थना करने पहुंचा।  
सहज योग में जीजस या ईसामसीह का स्थान हमारे आज्ञा चक्र पर है। आज्ञा चक्र को स्वर्ग का  द्वार बताया गया है।  ईसामसीह  द्वारा दिये गये ज्ञान में क्षमादान‌ ही सर्वश्रेष्ठ दान है।   ईसामसीह की क्षमाशीलता की आज विश्व को जरुरत है।   यदि सभी ने इस गुण को स्वीकार कर लिया तो संसार के आधे से ज्यादा युद्ध समाप्त हो जायेंगे।  
    जीजस के महान‌ जीवन से यह बात समझी जानी चाहिए कि वे एक सामान्य परिवार के, निर्धन परिवार के बेटे थे  फिर भी उनके लिए धन का बिलकुल महत्व नहीं था।  उनके लिए आत्मा ही सब कुछ थी।   वे लोगों को उपदेश दे रहे थे और समझाने का प्रयास कर रहे थे कि जो जीवन हम जी रहे हैं उससे परे  भी  एक जीवन‌ है आध्यात्मिकता के अभाव में हम उस जीवन को नष्ट कर रहे हैं, और वो जीवन अपनी आत्मा को पाये बगैर असंभव‌ है। ‌‌  
    जीजस चर्च में पादरियों को धर्म का ज्ञान देते थे और सभी आश्चर्यचकित रह जाते थे कि इतना छोटा सा लड़का इतना गहन कैसे है।  जीजस छोटे तो थे पर ईश्वर के बंदे थे, परमात्मा द्वारा सृजित थे इसका ज्ञान‌ लोगों‌ को उस समय नहीं हो पाया था।  जीजस ने आत्मा को सदैव जीवित बताया यानि आत्मा कभी नहीं मरती और पुनर्जन्म लेती है।  ईस्टर के दिन जीवित होकर उन्होंने इस बात को‌ सिद्ध कर दिया था।  
सहज योगियों को आत्मसाक्षात्कार मिलना ही उनका पुनर्जन्म‌ है।   श्री माताजी कहती हैं, ईसा मसीह ने ही सहज योग के लिए मंच तैयार किया था।  आत्मसाक्षात्कारी व्यक्ति के लिए ऊॅं महत्वपूर्ण है।  परमात्मा के पुत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले  जीजस में  ऊॅं के सभी गुण व्याप्त थे। और क्षमादान का ‌‌संदेश देकर उन्होंने  हमारे लिए स्वर्ग का द्वार खोल दिया। ‌  हमारे अंदर के  विष्णु, ब्रह्मा और शिव तीनों की शक्तियां  जो हमारी तीनों नाड़ियों की शक्तियां है, हमारे आज्ञा चक्र पर आकर मिलती हैं यानि यहाँ ये एकरुप होती है और इसका नियंत्रण  जीजस ही करते हैं।  सहज योगियों के लिए ईसा मसीह महत्वपूर्ण देवता हैं  क्योंकि मानव का पूर्ण समन्वय और सुरक्षा केवल तभी संभव‌ है जब इन तीनों‌ शक्तियों पर आस्था व विश्वास हो।   आत्मसाक्षात्कार  को प्राप्त करने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 अथवा यूट्यूब चैनल लर्निंग सहजयोगा से प्राप्त कर सकते हैं।
सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

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