राजा रघुवंशी पत्नी सोनम की हर बात बिना किसी सवाल के मानता चला गया... और यही उसकी जिंदगी का अंतिम फैसला साबित हुआ
इंदौर. सोनम और राजा की नई-नई शादी हुई थी. रिश्ते में नयापन था, भरोसा था, और था ऐसा प्यार जिसमें ना शब्द की कोई जगह नहीं थी. पत्नी जो-जो कहती गई, वही राजा की दुनिया बनता गया. राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम की हर बात बिना किसी सवाल के मानता चला गया. और शायद यही उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा या कहें अंतिम फैसला साबित हुआ. हनीमून पर कब जाना है, कौन-सा रास्ता चुनना है, क्या पहनना है, कितने पैसे साथ ले जाने हैं हर फैसला सोनम लेती रही और राजा सिर झुकाकर मंजूरी देता रहा. लेकिन राजा को क्या पता था कि उसकी पत्नी क्यों हर बात में उससे हां करवा रही है. सोनम तो एक ऐसी साजिश रच रही थी, जो उसे सीधा मौत की घाटी तक ले जाने वाली थी.
राजा रघुवंशी इंदौर का ट्रांसपोर्ट कारोबारी के घर का था. उसके परिवार में माता-पिता और दो भाई और भाभी हैं. सोनम का परिवार इंदौर के ही कुशवाह नगर में रहता है, जहां पिता का प्लायवुड का कारोबार है. राजा और सोनम का रिश्ता रघुवंशी समाज की परिचय पुस्तिका में दर्ज विवरणों से जुड़ा था. फिर दोनों परिवारों में संपर्क हुआ और रिश्ता तय हुआ. राजा के घर वाले बकायदा सोनम के घर जाकर उसे पसंद कर आए थे. इसके बाद शादी तय हुई. राजा की मां उमा रघुवंशी बताती हैं कि हमने अपनी बहू को बहुत स्नेह से स्वीकार किया था. उनकी मां से बातें होती रहती थीं, सब ठीक लग रहा था.
11 मई 2025 को राजा और सोनम की शादी पूरे समाज की उपस्थिति में धूमधाम से हुई. उसी रात सोनम अपने ससुराल पहुंच गई. लेकिन मात्र चार दिन बाद वह अपने मायके लौट गई. उस वक्त जेठ का महीना चल रहा था, इसलिए पगफेरे की रस्म भी नहीं हुई थी. उमा रघुवंशी कहती हैं, हमने कहा था कि बहू को बुला लें, लेकिन उनकी मां ने कहा – जून में बुलाएंगे.
राजा का मन हनीमून पर जाने का नहीं था. परिवार ने बताया कि पगफेरे के बाद जून में जाने की योजना थी. लेकिन सोनम ने फोन पर जिद की शिलांग चलते हैं. राजा मान गया. उसने किसी से कुछ नहीं कहा. यह पहला संकेत था कि सोनम की बात राजा टाल नहीं पाता था. परिवार वालों के मुताबिक, राजा को पहाड़ पसंद नहीं थे, लेकिन सोनम ने उसे शिलांग की हरियाली और वादियों का सपना दिखाया. वह तैयार हो गया. इसके बाद हनीमून ट्रिप का प्लान बना, और 20 मई को दोनों मेघालय के लिए रवाना हो गए.
राजा आमतौर पर सोना-चांदी पहनकर बाहर नहीं जाता था, लेकिन सोनम ने कहा कि सोने की चेन और अंगूठी पहनकर चलो. राजा ने उसकी बात मानी और पहनकर गया. राजा की मां तो एयरपोर्ट की एक फोटो देखकर मालूम चला कि राजा सोने की चेन और अंगूठी पहनकर गया है. इतना ही नहीं, सोनम के कहने पर राजा घर से पैसे भी लेकर गया. परिवार का कहना है कि राजा ऐसी तैयारी आमतौर पर नहीं करता था. लेकिन उसने हर बात सोनम के कहे अनुसार की.
23 मई को दोनों नोंगरीहाट गांव पहुंचे. सोनम ने राजा से कहा, यह रास्ता शॉर्टकट है, जल्दी पहुंचेंगे. राजा ने मां से फोन पर बात करते हुए बताया भी था कि सोनम उसे किसी सुनसान रास्ते पर ले जा रही है. राजा को इस तरह के रास्ते पसंद नहीं थे, लेकिन उसने पत्नी की बात मानी. अब जब पूरा हत्याकांड सामने आया है, परिवार को लग रहा है – वो शॉर्टकट असल में मौत की प्लानिंग थी. सुनसान रास्ता इसलिए चुना गया ताकि वहां हत्या को अंजाम दिया जा सके.
परिवार वालों का कहना है कि राजा ने आखिरी बार 24 मई को घर पर बात की थी. इसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया. परिजन लगातार फोन करते रहे लेकिन संपर्क नहीं हुआ. अब शक है कि सोनम ने ही जबरदस्ती राजा का फोन बंद करवाया, ताकि कोई उससे संपर्क न कर सके.
इंदौर क्राइम ब्रांच की पूछताछ में चारों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. बताया गया कि सोनम ने अपने प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी. राजा को पहाड़ों में घुमाने और सुनसान जगह ले जाने का हर कदम प्लानिंग का हिस्सा था. हत्या के बाद शव को पुल के नीचे फेंक दिया गया, जहां 27 मई को पुलिस को लावारिस हालत में एक शव मिला.
साभार आज तक